Sitaram Kunte: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने जुलाई 2020 में 10 DCP रैंक के अधिकारियों के तबादले किए थे. यह तबादला होने के बाद कई अधिकारियों ने तो उस जगह चार्ज भी ले लिया था पर अचानक से कुछ ऐसा हुआ कि इस ऑर्डर को रद्द कर इसे थोड़ा बदला गया. इस बारे में ED ने जब महाराष्ट्र के पूर्व चीफ सेक्रेटरी सीताराम कुंटे से पूछा तो उन्होंने ED को बताया कि मुझे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फोन किया था. 


कुंटे ने कहा कि, उद्धव ठाकुर ने मुझे फोर पर कहा था कि इन तबादलों और पोस्टिंग के संबंध में कुछ शिकायतें मिली हैं. उन्होंने मुझे यथास्थिति बनाए रखने के लिए पुलिस कमिश्नर को अवगत कराने के लिए कहा था. जिसके बाद मैंने पुलिस कमिश्नर से फोन पर बातचीत की और उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से इसकी सूचना दी. कुंटे ने बताया की मुझे न तो शिकायतों की सही प्रकृति के बारे में पता है और न ही इस मामले में आगे की घटनाओं की जानकारी है.


कुंटे ने ED को बताया कि 10 डीसीपी के संशोधित स्थानांतरण आदेश जारी करने के लिए अपनाए गए मानदंडों के बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि यह पुलिस कमिश्नर द्वारा उनके स्तर पर जारी किया गया था. साथ ही मेरी राय में, शायद पुलिस कमिश्नर ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया था और उनसे आगे के निर्देश प्राप्त किए थे, पर वो क्या निर्देश थे उसके बारे में मुझे जानकारी नहीं है.


अनऑफिशियल लिस्ट के ज़्यादातर नाम फ़ाइनल ऑर्डर में होते थे


सीताराम कुंटे ने अपने बयान में एक और बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि उस समय के गृहमंत्री अनिल देशमुख उन्हें पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफ़र पोस्टिंग को लेकर जो अनऑफिशियल लिस्ट दिए थे उसमें से ज़्यादातर लोगों के नाम फ़ाइनल लिस्ट में होते थे.  कुंटे ने ED को बताया कि उन्हें जो लिस्ट अनिल देशमुख से मिलती थी उसे वो पुलिस स्टेबलिशमेंट बोर्ड के सामने रखते थे जहां पर वो मौखिक रूप से बोर्ड मेम्बर को बताते थे कि यह रिपोर्ट देशमुख ने दी है. जिसके बाद उस लिस्ट में जिनके नाम होते थे उन पर ट्रांसफ़र को लेकर बने नियमों के तहत चर्चा होती थी. साथ ही अगर कोई भी नियमों के हिसाब से सही होता था तो उसका नाम फ़ाइनल लिस्ट में लिखा जाता था. कुंटे ने आगे बताया की देशमुख द्वारा दी जाने वाली लिस्ट के ज़्यादातर लोगों के नाम फ़ाइनल लिस्ट में होता था.


अब तक 28 बार ट्रांसफ़र को लेकर मीटिंग हुई


कुंटे ने ED को बताया कि जब से वो ACS होम के पद पर थे उतने समय में पुलिस ट्रांसफ़र को लेकर 28 बार मीटिंग कर चुके हैं. जिसके 27 ट्रांसफ़र ऑर्डर निकाले गए हैं और एक लिस्ट को लेकर ऑर्डर इस वजह से नहीं जारी किया गया क्योंकि उसे अप्रुवल नहीं मिला था. कुंटे ने कहा की इन सभी मीटिंग के समय महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख थे.


मुझे अनिल देशमुख से अनऑफिशियल लिस्ट लेना पड़ता था


ED ने जब कुंटे से पूछा कि आप अनिल देशमुख से अनऑफिशियल लिस्ट क्यों लेते थे जबकि उसका कोई रिकोर्ड नहीं होता था इस पर कुंटे ने बताया कि मैं उनका सबोर्डिनेट था इस वजह से मैं उनसे वो लिस्ट लेता था. मैं उन्हें मना नही कर सकता था और मैं यह भी नहीं बता सकता कि आख़िर क्यों मुझे अनिल देशमुख इस तरह से अनऑफिशियल लिस्ट दिया करते थे. इस बारे में वो ही बेहतर बता सकते हैं.


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