Sitaram Yechury Body Donated to AIIMS: दिल्ली स्थित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) मुख्यालय में पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी के पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया. इसके बाद उनके शरीर को एम्स को सौंप दिया जाएगा. येचुरी ने अपनी इच्छानुसार अपना शरीर एम्स को दान दिया था. लेकिन सवाल है कि उनके शरीर का आखिर किया क्या जाएगा? 


एम्स दिल्ली में एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर और मीडिया प्रभारी डॉ. रीमा दादा कहती हैं, "सीताराम येचुरी के परिवार ने उनका पूरा शरीर (मेडिकल रिसर्च के लिए) दान कर दिया है. देहदान एक बहुत ही पुण्य कर्म है. इसके तहत पूरे शरीर को दान किया जाता है जिसका उपयोग मेडिकल छात्रों के शोध और शिक्षण में किया जाता है. सबसे पहले, शरीर को लेपित किया जाता है, जिसमें इसे संरक्षित करने के लिए शरीर में कुछ तरल पदार्थ इंजेक्ट किए जाते हैं ."


कैसे करते हैं मेडिकल छात्र शवों की पढ़ाई?


डॉ. रीमा दादा ने कहा कि दान किए गए शवों से कई छात्र सर्जरी करना सीखते हैं. उन्होंने कहा, "यहां तक कि वरिष्ठ मेडिकल छात्र किसी भी बड़ी सर्जरी करने से पहले शरीर पर अभ्यास करते हैं. हम अपने टैंकों में 50 से 60 शव रखते हैं, जिनमें से 10-12 शव हर साल मेडिकल छात्रों को पढ़ाने के लिए निकाले जाते हैं. शोध और शिक्षण के लिए उपयोग किए जाने के बाद निगम बोध घाट पर पूरे अनुष्ठान के साथ शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है."


बड़ी राजनीतिक शख्सियतों में शुमार 'कॉमरेड' येचुरी


सीताराम येचुरी भारतीय राजनीति के बड़ी शख्सियतों में से एक थे. वह 32 सालों से सीपीएम के पोलित ब्यूरो के सदस्य थे. वह साल 2015 से पार्टी के महासचिव थे. सीताराम येचुरी साल 2005 से 2017 तक राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. सीतराम येचुरी की एक तस्वीर आज भी राजनीतिक हलकों में काफी चर्चित है जिसमें वह इंदिरा गांधी से छात्र नेता के तौर पर मिलते हैं और उनसे इस्तीफे की मांग करते हैं.


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