![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/Premium-ad-Icon.png)
सीताराम येचुरी बोले, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार के उपाय पहले की घोषणाओं की रीपैकेजिंग
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा होना चाहिए, जिससे घरेलू मांग बढ़ेगी.
![सीताराम येचुरी बोले, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार के उपाय पहले की घोषणाओं की रीपैकेजिंग Sitaram Yechury government measures boost economy repackaging of earlier announcements Nirmala Sitharaman corona virus lockdown सीताराम येचुरी बोले, अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार के उपाय पहले की घोषणाओं की रीपैकेजिंग](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2021/02/08/7a5a3350b26eb9e5ab3956d96cf4134d_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
नई दिल्ली: मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के जरिए महामारी प्रभावित अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए घोषित उपायों को व्यय में कोई वृद्धि नहीं होने के साथ पहले की गई घोषणाओं की रीपैकेजिंग करने की एक और कवायद करार दिया है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक पैसा होना चाहिए, जिससे घरेलू मांग बढ़ेगी. सीतारमण ने सोमवार को कोरोना वायरस से आहत अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए लघु और मझोले उद्योगों को सरकारी गारंटी पर 1.5 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराने, स्वास्थ्य क्षेत्र को अतिरिक्त कोष देने, पर्यटन एजेंसियों और टूरिस्ट गाइडों को कर्ज या पांच लाख विदेशी पर्यटकों को शुल्क मुक्त वीजा जैसे उपायों की घोषणा की.
'रीपैकेजिंग की एक और कवायद'
पूर्व में घोषित मुफ्त खाद्यान्न योजना के तहत नवंबर तक मुफ्त अनाज दिए जाने पर 93,869 करोड़ रुपये और उर्वरक पर 14,775 करोड़ रुपये के अतिरिक्त सब्सिडी खर्च सहित कुल मिलाकर अतिरिक्त 6.29 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई. घोषणाओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए येचुरी ने ट्वीट किया, 'व्यय में वृद्धि किए बिना पहले की गई घोषणाओं की रीपैकेजिंग की एक और कवायद. लोगों को जीने के लिए और अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के वास्ते मांग बढ़ाने को क्रय शक्ति की आवश्यकता है. यह वह नहीं करता है.'
उन्होंने कहा, 'हमारी कम टीकाकरण दर और सामने आ रहे नए स्वरूपों को देखते हुए मुफ्त वीजा पर्यटकों की आमद को बढ़ावा देने वाला नहीं है. इसी तरह, पर्यटन हितधारकों के लिए ऋण गारंटी कोई प्रोत्साहन नहीं है.' उन्होंने आगे कहा कि केवल दो नए अतिरिक्त परिव्यय पूर्व घोषित 14,775 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बहुत देरी के बाद 93,869 करोड़ रुपये के पीएमजीकेएवाई विस्तार के लिए है.
लॉकडाउन ने किया प्रभावित
उन्होंने कहा, 'अनौपचारिक क्षेत्र के कर्मचारी 2016 के नोटबंदी से पस्त होने के बाद महामारी लॉकडाउन के दौरान सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं. भारत रोजगार योजना में उन्हें शामिल नहीं किया गया है क्योंकि इसमें केवल भविष्य निधि भुगतान शामिल हैं.' माकपा नेता ने कहा, 'भारत को आज जिस चीज की जरूरत है, वह है लोगों के हाथों में खर्च करने के लिए अधिक पैसा देना ताकि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए घरेलू मांग को बढ़ाया जा सके.'
उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को महामारी से लड़ने के लिए सभी के लिए मुफ्त गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री के जरिए घोषित स्वास्थ्य पैकेज 7.95 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण और निवेश की गारंटी का एक सेट है जो स्वास्थ्य लागत में वृद्धि करेगा.
यह भी पढ़ें: कोरोना राहत पैकेज: वित्त मंत्री ने पीएफ को लेकर की यह बड़ी घोषणा, जानें किन्हें होगा फायदा
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)