नई दिल्ली: खुद को हिंदू सेना का सदस्य बताने वाले दो लोगों ने सीपीआई (एम) मुख्यालय में घुसकर पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी से बदसलूकी करने की कोशिश की. सीपीआई (एम) कार्यकर्ताओं ने दोनों की पिटाई कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया. वाम दल ने इस हादसे के लिए आरएसएस को जिम्मेदार ठहराया है.


हमलावर ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में छपे संपादकीय से थे नाराज
हिंदू सेना के प्रमुख विष्णु गुप्ता ने कहा कि सीपीआई (एम) दफ्तर में पत्रकार बनकर घुसने वाले शख्स पार्टी के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेमोक्रेसी’ में प्रकाशित एक संपादकीय में भारतीय सेना की कथित आलोचना के खिलाफ अपना गुस्सा व्यक्त करना चाहते थे. हालांकि सीपीआई (एम) का कहना है कि उसने कश्मीर में पथराव कर रहे लोगों से बचने के लिए मानव ढाल के इस्तेमाल का बचाव करने पर सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की निंदा की है, पूरी सेना की नहीं.


संघ की गुंडागर्दी के आगे नहीं झुकेंगे-  सीपीआई (एम)
घटनाक्रम पर सीपीआई (एम) ने कहा कि वह ‘संघ की गुंडागर्दी’  के आगे नहीं झुकेगी जिसका मकसद वामपंथी पार्टी को चुप कराना है. पार्टी ने कहा कि वह ‘‘भारत की आत्मा’’ के लिए यह लड़ाई जीतेगी. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, जेडीयू नेता शरद यादव और सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव डी राजा समेत विपक्षी दलों के नेताओं ने घटना की निंदा की और येचुरी के साथ एकजुटता दिखाई.


ये घटना तब घटी जब येचुरी मीडिया से बात करने के लिए कार्यालय की पहली मंजिल पर सेन्ट्रल कमिटी मीटिंग हॉल में प्रवेश करने वाले थे. वे सीपीआई (एम) पोलित ब्यूरो की दो दिवसीय बैठक के समापन के बारे में प्रेस को संबोधित करने जा रहे थे.


सीपीआई (एम) मुर्दाबाद, हिन्दू सेना जिंदाबाद के लगे नारे
‘सीपीआई (एम) मुर्दाबाद’ और ‘हिंदू सेना जिंदाबाद’ के नारे लगाते दोनों शख्सों ने येचुरी के करीब पहुंचने की कोशिश की जिनकी पहचान 30 साल के पवन कुमार कौल और 24 साल के उपेंद्र कुमार के रूप में की गयी है. पुलिस ने बताया कि कौल शहर के एक वकील का ड्राइवर है, वहीं उपेंद्र एक निजी अस्पताल की कैंटीन में रसोइये का काम करता है.