'आदर्श आचार संहिता में संशोधन के प्रस्ताव को वापस ले चुनाव आयोग', सीताराम येचुरी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखा पत्र
सीताराम येचुरी ने आदर्श आचार संहिता में संशोधन प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है. उन्होंने इसके लिए मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र भी लिखा है. उन्होंने कहा है कि अनावश्यक है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.
Sitaram Yechury On MCC Amendment: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी (Sitaram Yechury) ने मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार को पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र में कहा है कि वादों पर आदर्श आचार संहिता में संशोधन के संबंध में चुनावी घोषणापत्र (Election Manifesto) में किया गया प्रस्ताव अनुचित था और प्रस्ताव को वापस ले लिया जाना चाहिए. येचुरी ने कहा कि माकपा की राय है कि प्रस्तावित संशोधन अनावश्यक है और इसे आगे नहीं बढ़ाया जाना चाहिए.
येचुरी ने किया अनुच्छेद 324 का जिक्र
उन्होंने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 324, चुनाव आयोग को चुनावों के अधीक्षण, निर्देशन और नियंत्रण के साथ अनिवार्य करता है, लेकिन चुनाव के समय में राजनीतिक दलों की कल्याणकारी उपायों की नीतिगत घोषणाओं और वादों को विनियमित या मूल्यांकन करने के लिए पैनल प्रदान नहीं करता है.
पत्र में आगे कहा गया, "आदर्श आचार संहिता में प्रस्तावित संशोधन और चुनावी वादों और उनके वित्तीय प्रभावों के विवरण का खुलासा करने के लिए आयोग को राजनीतिक और नीतिगत मामलों में शामिल किया जाएगा जो इसके दायरे में नहीं आते हैं." इसी के साथ येचुरी ने पत्र में कहा कि चुनाव आयोग का प्रस्ताव किए गए वादों के वित्तीय प्रभावों की मात्रा और वादों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने की योजना की वित्तीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में प्रवेश करता है.
'ये राजनीतिक और नीतिगत मुद्दे हैं'
पत्र में कहा गया है, "ये राजनीतिक और नीतिगत मुद्दे हैं और "राजकोषीय स्थिरता" के बारे में अलग-अलग विचार हो सकते हैं. येचुरी ने कहा कि चुनाव आयोग ने इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुब्रमण्यम बालाजी के फैसले पर पुनर्विचार के लिए एक हलफनामा दायर किया था और कहा था कि वह राज्य की नीतियों और फैसलों को विनियमित नहीं कर सकता है जो जीतने वाली पार्टी सरकार बनाने के बाद लेती है.
'चुनाव आयोग वापस ले संशोधन का प्रस्ताव'
सीताराम येचुरी ने आगे कहा, "यह आयोग ने एक सही और वैध फैसला लिया था, इसलिए यह आश्चर्य की बात है कि आयोग ने मन में बदलाव किया है और एक ऐसे क्षेत्र में अधिक दखल देने का प्रस्ताव है जो राजनीतिक दलों और लोगों से संबंधित है." पत्र में कहा गया है कि माकपा चाहती है कि आयोग आदर्श आचार संहिता में संशोधन के प्रस्ताव को वापस ले.
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