कोरोना वायरस: दिल्ली में स्थिति में हुआ सुधार, 76% हुई मरीजों के ठीक होने की दर
केंद्रीय गृह मंत्रालय का कहना है कि संयुक्त प्रयासों की वजह से दिल्ली में हाल के दिनों में कोविड-19 संबंधी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है.
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त प्रयासों की वजह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में हाल के दिनों में कोविड-19 संबंधी स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. जहां मरीजों के ठीक होने की दर में सुधार होने के साथ ही संक्रमण के मामलों के दुगुना होने की अवधि बढ़ी है. जबकि दिल्ली में गुरुवार को कोरोना वायरस के 2,187 नये मामले सामने के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,07,051 तक हो गई.
दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के बुलेटिन के अनुसार, संक्रमण के कारण 45 और मौत होने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,258 हो गई. दिल्ली में अब इलाजरत मरीजों की संख्या 21,567 रह गई है, जो पिछले 28 दिनों (12 जून से) में सबसे कम है. बुलेटिन के अनुसार, इसके अलावा, 4,027 लोग ठीक हुए हैं, जो पिछले 19 दिनों (21 जून से) में सबसे अधिक है. दिल्ली में अब तक 82,226 लोग बीमारी से ठीक हो चुके हैं. जिसके चलते मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 76 प्रतिशत तक पहुंच गई है. मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 62 प्रतिशत है.
मंत्रालय महामारी की स्थिति में सुधार के लिए राज्य सरकारों के साथ लगातार कर रही बैठक
गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मंत्रालय महामारी की स्थिति में सुधार के लिए बातचीत कर रहा है. उन्होंने बताया कि दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में राज्य सरकारों के साथ लगातार बैठकें कर रहा है. उन्होंने कहा कि इन बैठकों में राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ भी शामिल होते हैं और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए हैं.
श्रीवास्तव ने कहा कि इन निर्णयों में निजी अस्पतालों में कोविड-19 उपचार के खर्च पर नियंत्रण, राष्ट्रीय राजधानी में अतिरिक्त बिस्तरों की व्यवस्था करना, रैपिड एंटीजन प्रौद्योगिकी के माध्यम से जांच क्षमता बढ़ाने प्रक्रीया शामिल है. साथ ही निरुद्ध क्षेत्रों का सावधानी से चिह्नीकरण, सभी प्रभावित लोगों के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना और सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली के प्रभावी इस्तेमाल जैसे कदम शामिल हैं. इसके अलावा अब बीमारी के चिकित्सकीय प्रबंधन के वास्ते देश में सभी कोविड-19 अस्पतालों के लिए एम्स दिल्ली परामर्श टेलीमेडिसन की सुविधा उपलब्ध है.
प्रतिदिन 20 हजार से अधिक लोगों की हो रही जांच
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली में संयुक्त प्रयासों से स्थिति में सुधार हुआ है. बड़े स्तर पर रैपिड एंटीजन प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे जांच क्षमता में वृद्धि हो रही है.’’ श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आठ जुलाई तक 6.79 लाख से अधिक जांच, प्रति 10 लाख आबादी पर 35,780 जांच की गई हैं. साथ ही हर रोज 20 हजार से अधिक जांच की जा रही है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिदिन जांच क्षमता में वृद्धि के बावजूद दिल्ली में उपचाराधीन मरीजों की संख्या नियंत्रण में है.’’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने वालों की दर लगभग 72 प्रतिशत है. वहीं संक्रमण के मामलों के दुगुना होने की अवधि 29.7 दिन (या लगभग 30 दिन) हो गई है. अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या में वृद्धि की गई है.
अस्पतालों में 15 हजार से अधिक बिस्तर उपलब्ध है
उन्होंने कहा, ‘‘अस्पतालों में एक जून तक 4,456 बिस्तर उपलब्ध थे. अब 15,096 बिस्तर उपलब्ध हैं. आठ जुलाई तक 10,237 बिस्तर खाली थे जो उपलब्धता का लगभग 68 प्रतिशत हैं.’’ श्रीवास्तव ने कहा कि यहां छतरपुर स्थित सरदार पटेल कोविड देखरेख केंद्र ने स्थिति बदल दी है, जहां 12 दिन के भीतर दिल्ली के निवासियों के लिए बेहतरीन सुविधा सुनिश्चित की गई. यह पूरे देश के लिए एक उदाहरण है.
उन्होंने कहा कि एक जुलाई से ‘अनलॉक-2’ संबंधी दिशा-निर्देश क्रियान्वित किए गए हैं और निरुद्ध क्षेत्रों के बाहर गतिविधियों के लिए राज्यवार अनुमति दी जा रही है. हालांकि, निरुद्ध क्षेत्रों में 31 जुलाई तक लॉकडाउन सख्ती से लागू रहेगा. अधिकारी ने कहा, ‘‘अब सभी आर्थिक गतिविधियों के लिए अनुमति दे दी गई है. मास्क पहनने, एक-दूसरे से उचित दूरी बनाकर रखने जैसे राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों का अनुपालन सर्वोपरि जैसा है.’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के अनुपालन पर कड़ी नजर रखी जा रही है.
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