India-China Border Issue: भारत-चीन संबंधों पर बात करते हुए भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि हम सभी जानते हैं कि चीनी क्या कहते हैं और वे जो करते हैं वह बिल्कुल अलग है. यह भी उनके स्वभाव और चरित्र का हिस्सा है. हमें उनके ग्रंथों या लिपियों या उनकी अभिव्यक्ति के बजाय उनके कार्यों पर ध्यान देने की आवश्यकता है. वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास चीन द्वारा बुनियादी ढांचे के विकास पर सेना प्रमुख ने कहा  यह बेरोकटोक जारी है. जनरल पांडे विचार समूह ‘चाणक्या डायलॉग्स’ को संबोधित कर रहे थे


थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन से लगे क्षेत्र में सीमा गतिरोध लंबे समय से जारी रहने के बीच शनिवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में ‘‘स्थिति स्थिर, लेकिन अप्रत्याशित’’ है. जनरल पांडे ने एक विचार समूह (थिंक टैंक) को संबोधित करते हुए कहा कि भारत शेष मुद्दों के समाधान के लिए चीन के साथ उच्च स्तर की सैन्य वार्ता के अगले दौर को लेकर आशावादी है.






थलसेना प्रमुख ने कहा-चीन के साथ अगले दौर की वार्ता का है इंतजार


सीमावर्ती इलाकों में चीन के बुनियादी ढांचा विकसित करने के विषय पर थलसेना प्रमुख ने कहा कि यह लगातार हो रहा है. क्षेत्र में भारतीय थलसेना की तैयारियों के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘सर्दियों के मौसम के अनुकूल तैयारी जारी है. जनरल पांडे ने यह भी कहा कि ‘‘अपने हितों की सुरक्षा के लिए वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हमारे कार्यों को बहुत सावधानीपूर्वक समायोजित करने’’ की जरूरत है. भारत-चीन सीमा वार्ता पर सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने कहा कि, चीन के साथ हम 17वें दौर की वार्ता की तारीख देख रहे हैं.


सेना प्रमुख ने पूर्वी लद्दाख की स्थिति पर कहा कि, व्यापक संदर्भ में हमें वास्तविक नियंत्रण रेखा पर अपनी कार्रवाई का बहुत सावधानी से आकलन करने की जरूरत है ताकि हम अपने हितों एवं संवेदनशीलताओं की सुरक्षा कर पाए. उन्होंने कहा कि जहां तक ​​पीएलए (चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के बल के स्तर का सवाल है, इसमें कोई खास कमी नहीं हुई है.


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