'देश में न China का खतरा कम हुआ, न COVID 19 का', Navy Day से एक दिन पहले बोले नौसेना प्रमुख
Navy Chief ने कहा कि नौसेना (Navy) कोरोना की तीसरी लहर और नए कोविड-वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर पूरी तरह सतर्क है. इसके साथ ही चीन के युद्धपोत और पनडुब्बियों सहित सभी गतिविधियों पर हमारी नजर है.
Navy Chief Press Conference: देश के नौसेना प्रमुख एडमरिल आर. हरि कुमार ने कहा है कि देश से न तो कोरोना का खतरा कम हुआ है और न ही सीमाओं पर चीन का, लेकिन पूरा देश इन दोनों चुनौतियों के खिलाफ दृढ़ता से लड़ने के लिए तैयार है. नौसेना दिवस (4 दिसम्बर) से ठीक एक दिन पहले चीफ ऑफ नेवल स्टाफ, एडमरिल आर. हरि कुमार शुक्रवार को सालाना प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि नौसेना कोरोना की तीसरी लहर और नए कोविड-वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर पूरी तरह सतर्क है. इसके साथ ही उन्होने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के युद्धपोत और पनडुब्बियों सहित सभी गतिविधियों पर भारतीय नौसेना पैनी नजर रखे हुए है.
इसी हफ्ते नौसेना की कमान संभालने वाले एडमिरल आर. हरि कुमार ने कहा कि पिछले साल पूरा देश कोरोना से प्रभावित रहा. इसके साथ ही हमारे नॉर्दन-बॉर्डर (चीन सीमा) पर जो कुछ हुआ, उससे सुरक्षा-व्यवस्था काफी जटिल हो गई थी. उन्होने कहा कि ये मुश्किल भरे हालात हैं और ये दोनों ही चुनौतियां अभी भी जारी हैं. उन्होने दावा किया कि नौसेना की तैयारियों से मेरीटाइम डोमेन में प्रतिद्वंदियों के किसी भी मिस-एडवेंचर को सफल नहीं होने दिया गया है.
लड़ाई में नंबर जरूरी नहीं
चीन के बढ़ते जंगी बेड़े और पाकिस्तान को सप्लाई किए जा रहे वॉरशिप और पनडुब्बियों को लेकर नौसेना प्रमुख ने कहा कि जरूरी नहीं है कि लड़ाई में नंबर ही महत्वपूर्ण होते हैं. प्राचीन स्पार्टा की कहानी का जिक्र करते हुए एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि नंबर के साथ और भी बहुत कुछ जोड़ना पड़ता है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि मैं देश को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि भारतीय नौसेना एक बैलेंस फोर्स है और अपने समुद्री-हितों को सुरक्षित करना बेहतर तरीके से जानती है.
चीन पर हमारी नजर
नौसेनाध्यक्ष ने कहा कि चीन की PLA (नौसेना) साल 2008 से हिंद महासागर में तैनात रही है. एक समय में चीन के 3-7 जहाज हिंद महासागर में रहते हैं, लेकिन भारतीय नौसेना के टोही विमान और वॉरशिप चीन के सभी जहाजों पर नजर रखते हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल जब पूर्वी लद्दाख से सटी LAC पर विवाद शुरू हुआ था तब भारतीय नौसेना ने चीन की सभी गतिविधियों को सर्विलांस पर रखा था. अब भी जब चीन का कोई वॉरशिप हमारी मेरीटाइम डोमेन में दाखिल होता है तो ये प्रक्रिया आज भी जारी रहती है.
महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर
एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि नौसेना के इंटीग्रेटेड कैपेबल डेवलपमेंट प्लान्स में युद्धपोतों की संख्या 200 से घटाकर 170 नहीं की गई है. ये मिलिट्री-स्ट्रेटेजी के साथ घटती-बढ़ती रहती है. ऐसे में ये संख्या आने वाले समय में 230 भी हो सकती है. एडमिरल हरि कुमार ने बताया कि हाल के दिनों में रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के 1.96 लाख करोड़ के 77 प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी, जिसमें 88 प्रतिशत स्वदेशी हैं. नौसेना प्रमुख के मुताबिक, जो नए 39 वॉरशिप और पनडुब्बियां नौसेना की तैयार हो रही हैं, उसमें से 37, देश के ही अलग-अलग शिपयार्ड में बनाए जा रहे हैं. उन्होंने नौसेना में महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर देते हुए कहा कि सभी वॉरशिप में महिलाओं को तैनात किया जाएगा. देश की पहली एकीकरण कमान, मेरीटाइम थियेटर कमान को लेकर नौसेना प्रमुख ने कहा कि अगले साल के मध्य तक एमटीसी बनकर तैयार हो सकती है. एडमिरल आर हरि कुमार के इंडीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (आईडीएस) के प्रमुख (डिप्टी-सीडीएस) के तौर पर ही देश में थियेटर कमान बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई थी.
ओमिक्रोन को लेकर ये बोले नेवी चीफ
ओमिक्रॉन वायरस को लेकर नौसेना प्रमुख ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के समय हमने (नौसेना ने) उसका बेहतर तरीके से सामना किया था. उसी वक्त ही नौसेना ने तीसरी वेब के लिए कमर कस ली थी. रक्षा मंत्री द्वारा उस समय नौसेना को अतिरिक्त फाइनेंशियल पावर दी गई थी. इसका नतीजा था कि नौसेना के सभी मिलिट्री हॉस्पिटल जरूरी ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन सप्लाई, क्राईजोनिकल प्लांट और बेड्स के साथ तैयार हुए. दूसरी लहर के समय जो कोविड प्रोटोकॉल तैयार किए गए थे, वे अभी भी जारी हैं. एडमिरल हरि कुमार के मुताबिक, दूसरी लहर के दौरान नौसेना के 10 वॉरशिप को विदेश से ऑक्सीजन कंटेनर लाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वैश्विक स्तर पर कोरोना से लड़ने के लिए भी भारतीय नौसेना ने मित्र-देशों की सहायता की थी.
इसलिए मनाया जाता है नौसेना दिवस
हर साल 4 दिसम्बर को भारतीय नौसेना अपना स्थापना दिवस मनाती है. नौसेना अपना स्थापना दिवस इसलिए 4 दिसम्बर को मनाती है, क्योंकि इसी दिन 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ भारतीय नौसेना ने कराची बंदरगाह पर हमला कर पाकिस्तानी नौसेना की कमर तोड़ दी थी, जो पाकिस्तान के खिलाफ विजय में निर्णायक साबित हुआ था.
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