दिल्ली: जाफराबाद में हिंसा के बाद हालात काबू में, CAA के समर्थकों और विरोधियों के बीच हुई थी हिंसा
जाफराबाद में रास्ता खोलने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को भेजा गया था लेकिन महिलाओं ने इसका विरोध किया.डीसीपी आलोक कुमार ने कहा कि पुलिस पर भी पथराव किया गया, स्थिति नियंत्रण में है. पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.
नई दिल्ली: जाफराबाद में कल नागरिकता कानून के समर्थक और विरोधियों के बीच हिंसा हो गई, फिलहाल हालात अब काबू में हैं. जाफराबाद में हो रहे विरोध प्रदर्शन के खिलाफ मौजपुर में प्रदर्शन हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि सीएए के समर्थक और विरोधियों के बीच पत्थरबाजी हुई है. इस पथराव में कई लोग घायल हए हैं. हिंसा पर काबू पाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले भी छोड़ने पड़े.
बाबरपुर के बाद मौजपुर के करीबनगर में भी हिंसा हुई. शाम करीब 7 बजे करीबनगर इलाके में भी पत्थरबाजी की गई. चांदबाग इलाके में भी प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे. सुरक्षा के लिहाज से इलाके में पुलिस की तैनाती की गई है.
पूरे विवाद की शुरूआत 22 फरवरी की रात लगभग 11 बजे जाफराबाद मेट्रो स्टेशन से हुई. जहां नागरिकता कानून और NPR के विरोध में कुछ लोगों ने रास्ता बंद कर प्रदर्शन किया था. जाफराबाद में रास्ता खोलने के लिए पैरामिलिट्री फोर्स को भेजा गया था लेकिन महिलाओं ने इसका विरोध किया.
संयुक्त पुलिस आयुक्त (पूर्वी रेंज) आलोक कुमार ने कहा कि पुलिस पर भी पथराव किया गया, स्थिति नियंत्रण में है. पर्याप्त सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं और फ्लैग मार्च कर रहे हैं.
जाफराबाद के इसी प्रदर्शन के खिलाफ बीजेपी नेता कपिल मिश्रा समर्थकों के साथ बाबरपुर मेट्रो स्टेशन पहुंचे. कपिल मिश्रा मेट्रो स्टेशन के बाहर धरने पर बैठ गए. कपिल मिश्रा ने कहा, ''दिल्ली पुलिस तीन दिन के अंदर रास्तों को खाली कराए. ट्रंप के जाने तक हम यहां से शांतिपूर्वक जा रहे हैं, लेकिन अगर तीन दिन में रास्ते खाली नहीं हुए, तो हम फिर सड़कों पर उतरेंगे. इसके बाद हम दिल्ली पुलिस की नहीं सुनेंगे.''
बता दें कि राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग में भी सीएए के खिलाफ दो महीने से अधिक समय से लोग धरना स्थल पर बैठे हैं और इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए शीर्ष अदालत ने वार्ताकार नियुक्त किए हैं.