भारी बारिश के चलते उफान पर नदियां, महाराष्ट्र से कर्नाटक तक भयावह हालात, पुणे मंडल से 84 हजार लोगों को निकाला गया | जानें बड़ी बातें
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल तथा अन्य एजेंसियों ने शुक्रवार शाम तक 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.
पश्चिमी महाराष्ट्र के पुणे मंडल में भारी बारिश और नदियों के उफान पर होने के चलते 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. इनमें 40,000 से अधिक लोग कोल्हापुर जिले से हैं. अधिकारियों ने बताया कि कोल्हापुर शहर के पास पंचगंगा नदी 2019 में आई बाढ़ के स्तर से भी ऊपर बह रही है.
भारी बारिश और भूस्खलन से स्थिति भयावह
पुणे और कोल्हापुर के साथ ही मंडल में सांगली और सतारा जिले भी आते हैं. सतारा भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल तथा अन्य एजेंसियों ने शुक्रवार शाम तक 84,452 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. इनमें 40,882 लोग कोल्हापुर जिले से हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार सुबह को थलसेना और नौसेना की छह टीम बचाव कार्य में शामिल होंगी. अधिकारियों ने बताया कि 54 गांव बाढ़ से पूरी तरह और 821 गांव आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं.
कर्नाटक में भारी बारिश में तीन लोगों की मौत
कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में बीते 24 घंटे में भारी बारिश के कारण तीन लोगों की मौत हो गई, आठ स्थानों पर भूस्खलन हुआ और करीब नौ हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया. सरकार ने सात जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है. भारतीय तटरक्षक बल ने कहा कि बाढ़ प्रभावित उत्तर कन्नड़ जिले में पूरे दिन बचाव अभियान चला जिसमें 161 लोगों को बचाया गया.
वहीं भारतीय रेलवे ने सोनालियम-कुलेम और दूधसागर-कारानजोल के बीच भूस्खलन के कारण कुछ ट्रेन रद्द कर दीं. गोवा एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन को बेलगावी जिले में एक स्टेशन पर रोक दिया गया और यात्रियों को भोजन दिया गया. मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने शुक्रवार को शीर्ष अधिकारियों के साथ बाढ़ संबंधी हालात का जायजा लिया और सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों और विधायकों को अपने क्षेत्रों में राहत कार्यों की निगरानी करने का निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों के अवकाश रद्द करने का भी आदेश दिया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से जिन किसानों को नुकसान पहुंचा है सरकार उनकी सहायता करेगी और राहत एवं बचाव कार्यों में भी सभी आवश्यक मदद देगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जरूरतमंद जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल को भेजा जाए और राहत शिविर खोले जाएं. उन्होंने कहा कि राहत कार्यों में सेना की मदद, हेलीकॉप्टर लिए जाएं. येदियुरप्पा ने अधिकारियों से कहा कि वे जरूरत पड़ने पर वित्तीय सहायता का प्रस्ताव दें.
कर्नाटक में हजारों लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया गया
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त डॉ. मनोज राजन ने बताया कि बीते कुछ दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण बेलगावी, चिकमंगलुरु, धारवाड़, हावेरी, शिवमोगा और उत्तर कन्नड़ में बाढ़ के हालात बने हुए हैं. उन्होंने बताया कि कृष्णा, कावेरी, तुंगभद्रा, भीमा, कपिला नदियां तथा मालनाड़ एवं तटीय कर्नाटक में कई अन्य नदियां ऊफान पर हैं.
उनके द्वारा दिए गए विवरण के अनुसार 18 तालुकाओं में 131 गांव और 16,213 लोग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. तीन लोगों की जान जा चुकी है तथा दो लापता हैं. बारिश में 21 घर पूरी तरह से तबाह हो गए तथा 804 अन्य घरों को नुकसान पहुंचा है. अब तक 8,733 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. 291.03 किमी सड़क पानी में बह गई. राज्य में 80 राहत शिविर खोले गए हैं जहां पर 4,964 लोगों ने शरण ले रखी है.
कोडागु जिले के विराजपेट और उत्तर कन्नड़ जिले के अराबैल घाट समेत आठ स्थानों पर भूस्खलन हुए हैं. अगले 24 घंटे में भारी से बेहद भारी बारिश की आशंका के मद्देनजर दक्षिण कन्नड़, उडुपी, उत्तर कन्नड़, शिवमोगा, चिकमेंगलुरु, हसन और कोडागु जिलों के लिए रेड अलर्ट और बेलगावी तथा धारवाड़ के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
भारी बारिश के कारण कर्नाटक में अधिकांश जलाशय भर गए हैं. इस बीच, तटरक्षक बल ने एक वक्तव्य में कहा कि उत्तर कन्नड़ जिले में द्वीपों पर बचाव अभियान चलाने के लिए उसके मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (एचएडीआर) तथा बचाव अभियानों की सेवाएं ली जा रही हैं.
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