(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Bihar: सिवान की दिव्यांग छात्रा पढ़ने के लिए एक पैर से कर रही 2 किलोमीटर का सफर, सरकार से मांगी मदद
Bihar News: बिहार के सिवान जिले की रहने वाली एक दिव्यांग छात्रा रोजाना एक पैर से 2 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल पढ़ने जाती है. फिलहाल उसने सरकार से मदद की अपील की है.
Bihar Disabled Student: बिहार (Bihar) में हाल ही में जमुई (Jamui) में रहने वाली एक दिव्यांग छात्रा (Disabled Student) की कहानी सभी को हैरत में डाल रही थी. जो पढ़ाई करने के लिए रोजाना 500 मीटर का सफर एक ही पैर पर चलकर करती है. फिलहाल इन दिनों एक और दिव्यांग छात्रा बिहार में चर्चा का विषय बन गई है, जो अपने हौसले की मिसाल बनकर सामने आई है.
बिहार के सिवान में रहने वाली 11 साल की एक छात्रा रोजाना एक पैर के सहारे उछलते हुए पढ़ाई करने के लिए 2 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल जाती है. एक ही पैर से स्कूल जाने वाली इस 11 साल की छात्रा का नाम प्रियांशु बताया जा रहा है. जो की बड़े होकर डॉक्टर बनना चाहती है.
#WATCH Bihar | Siwan's Priyanshu Kumari, a specially-abled girl who wants to be a doctor struggles to reach school which is 2 km far. "I urge govt to provide me with a prosthetic limb. I have been this way since childhood, but don't want to give up on my dreams," she said (29.06) pic.twitter.com/iiIOtlBSfJ
— ANI (@ANI) June 29, 2022
अपनी आंखों में पढ़ लिखकर डॉक्टर बनने का सपना संजोए दिन्यांग प्रियांशू कुमारी विपरीत परिस्थितियों से लड़ते हुए रोजाना 2 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल पहुंचती है. जिससे उसे काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. फिलहाल प्रियांशू ने सरकार से मदद की अपील की है.
सरकार से मदद की अपील करते हुए प्रियांशू का कहना है कि सरकार उसकी मदद को आगे और उसका ऑपरेशन करवा दे, जिससे कि वह अपनी आगे की पढ़ाई-लिखाई जारी रख सके. समाचार एजेंसी से बात करते हुए प्रियांशू कुमारी ने कहा 'मेरा सपना डॉक्टर बनना है. सरकार से मेरी अपील है कि हमारी मदद करे और मेरा ऑपरेशन करवा दें ताकि मैं आगे पढ़-लिख सकूं.'
बता दें कि प्रियांशू कुमारी (Priyanshu Kumari) बिहार (Bihar) के सिवान (Siwan) जिले के जीरादेई प्रखंड (Jiradei Block) के बनथू श्रीराम गांव (Banthu Shriram village) की रहने वाली है. जिसके पिता खेती का काम करते हैं और ज्यादा पैसे होने के चलते उसका ठीक इलाज करवा पाने सक्षम नहीं हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार की ओर मदद के हाथ बढ़ाए हैं.