पंजाब: कांग्रेस ने छह विधायकों को बनाया सीएम अमरिंदर सिंह का सलाहकार, बीजेपी ने जताई आपत्ति
बीजेपी ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ये संविधान की तरफ से निर्धारित राज्य मंत्रिमंडल की ऊपरी सीमा को दरकिनार करने की कोशिश है. वहीं इस कदम को पिछले कैबिनेट फेरबदल में जगह नहीं मिलने वाले नेताओं को संतुष्ट करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है.
चंडीगढ़: पंजाब सरकार ने छह विधायकों को मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह का सलाहकार बनाया है जिनका दर्जा मंत्री के बराबर होगा. विरोधी दल बीजेपी ने इसे संविधान द्वारा निर्धारित राज्य मंत्रिमंडल की ऊपरी सीमा को दरकिनार करने का प्रयास बताया. इस कदम को राज्य में पिछले कैबिनेट फेरबदल में स्थान नहीं पाने वालों को संतुष्ट करने के प्रयास के तौर पर भी देखा जा रहा है.
अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि पांच कांग्रेस विधायकों का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होगा जबकि एक विधायक का दर्जा राज्य मंत्री का होगा. अधिकारियों ने कहा कि चार विधायकों- फरीदकोट के कुशलदीप सिंह ढिल्लों, गिद्देरबाहा के सिंह राजा वार्रिंग, उरमूर के संगत सिंह गिल्जियां और अमृतसर दक्षिण के इंदरबीर सिंह बोलारिया- को सलाहकार (राजनीति) बनाया गया है. जबकि फतेहगढ़ साहिब से विधायक कुलजीत सिंह नागरा को सलाहकार (नियोजन) नियुक्त किया गया है. उन्होंने कहा कि पांचों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है.
इसके साथ ही अधिकारियों ने कहा कि छठे विधायक अटारी के तरसेम सिंह डीसी को भी सलाहकार (नियोजन) बनाया गया है और उनका दर्जा राज्य मंत्री का होगा. विपक्ष ने दावा किया कि इस कदम का उद्देश्य संविधान के 91वें संशोधन अधिनियम,2003 को दरकिनार करने के उद्देश्य से उठाया गया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव तरुण चुग ने कहा, “यह कदम स्पष्ट रूप से कानून को दरकिनार करने वाला है जिसके तहत मंत्रियों की संख्या सदन के कुल सदस्यों की संख्या के 15 फीसद से ज्यादा नहीं हो सकती. राजनीतिक सलाहकारों की नियुक्ति से सरकार राज्य के खजाने पर अतिरिक्त बोझ डाल रही है.” पंजाब विधानसभा में 117 सदस्य हैं और मंत्रिपरिषद के सदस्यों की अधिकतम संख्या 18 हो सकती है. मुख्यमंत्री समेत पंजाब सरकार में पहले ही 17 मंत्री हैं.
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