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कोरोना के नए स्ट्रेन से भारत में छह लोग संक्रमित, अलग से किया गया आइसोलेट | पढ़ें 10 बड़ी बातें
ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन पाए जाने के बाद वैक्सीन का असर कैसा होगा इसको लेकर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई थीं. मंगलवार को पीएम के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजय राघवन ने कहा कि जो वैक्सीन देश में पाइपलाइन में हैं वो यूके और साउथ अफ्रीका वाले कोरोना के वैरिएंट के खिलाफ भी काम करेगी.
नई दिल्ली: ब्रिटेन के कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन भारत पहुंच चुका है. आज स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी कि पिछले दिनों में आए 33 हजार यात्रियों में से 114 पॉजिटिव आए थे, जिसमें से 6 यूके के नए स्ट्रेन से पॉजिटिव हैं. इन सभी को राज्य सरकार के हेल्थ फैसिलिटी में अलग से आइसोलेट किया गया है.
कोरोना के नए स्ट्रेन से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- 25 नवंबर से 23 दिसंबर 2020 की मध्यरात्रि तक, लगभग 33 हजार यात्री यूके के अलग-अलग जगहों पर भारत एयरपोर्ट पहुंचे. इन सभी यात्रियों का आरटी-पीसीआर टेस्ट हुआ. अब तक केवल 114 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है. इन पॉजिटिव केस वाले मरीजों के सैंपल को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए 10 लैब एनआईबीएमजी कोलकाता, आईएलएस भुवनेश्वर, एनआईवी पुणे, सीसीएस पुणे, सीसीएफडी हैदराबाद, सीडीएफडी हैदराबाद, इनामो बेंगलुरु, निमहंस बेंगलुरु, आईजीआईबी दिल्ली और एनसीडीसी दिल्ली भेजा गया है. इसमें से 6 यूके रिटर्न वाले व्यक्तियों के कुल 6 नमूनों में नया यूके वैरिएंट जिनोम के साथ पॉजिटिव पाया गया है.
- इन सभी व्यक्तियों को संबंधित राज्य सरकारों द्वारा डेजिगनेटेड हैल्थ केयर में अकेले कमरे के आइसोलेशन में रखा गया है. उनके सम्पर्क में आए लोगों को भी क्वॉरन्टीन के तहत रखा गया है. सह-यात्रियों, पारिवारिक सम्पर्क और अन्य लोगों के लिए व्यापक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू किया गया है. अन्य नमूनों पर जिनोम सीक्वेसिंग चल रही है.
- स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, अब तक डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर द्वारा नए यूके वेरिएंट के मिलने की सूचना दी जा चुकी है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, यूके का नया वेरिएंट काफी ज्यादा संक्रामक है. ये 70 फीसदी ज्यादा तेज़ी से संक्रमण फैलता है. वहीं इसे किसी गंभीरता का पता नहीं चला है.
- कम्यूनिटी मेडिसिन एम्स डॉ संजय राय का कहना है, ''जो भी एविडेंस अभी तक है वो ये बताते हैं कि ये वायरस बहुत ज्यादा तेजी से संक्रमित करता है. इंफेक्शन की गति बहुत ज्यादा है. सिक्योरिटी ज्यादा करता है ऐसे कोई एविडेंस नहीं है. ये ज्यादा तेज गति से संक्रमित करता है तो कहीं भी आएगा तो ज्यादा तेज गति से होने की संभावना हो सकती है. लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है...हो सकता है कि पहले से जिनको नेचुरल इंफेक्सन हो और अगर उनमें एंटीबॉडी डेवलप हुई है तो बहुत से प्रोटेक्टेड हैं. क्योंकि अभी हमें नहीं पता कि उससे प्रोटेक्शन है या नहीं है.''
- वहीं नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य के मुताबिक अगर शुरू में इसे कंट्रोल किया जाए तो आगे इसका ट्रांसमिशन रोका जा सकता है. नीति आयोग के डॉ वीके पॉल के मुताबिक, जब भी कोई नया वायरस आता है तो उसे शुरू में दबाया जा सकता है. क्योंकि कम लोगों में होगा और कम स्प्रेड है उसका...अभी फैला नहीं है और इसकी चैन ऑफ ट्रांसमिशन छोटी है. जो बातें कहीं जा रही हैं उससे साफ है कि सावधानी से हटने का मतलब ही नहीं होता."
- नए स्ट्रेन के बाद से लगातार वैक्सीन के असर पर सवाल पूछा जा रहा था. इसपर आज पीएम के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर के विजय राघवन ने कहा की इसपर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने कहा, "जो वैक्सीन हमारे देश में पाइपलाइन में हैं वे यूके और साउथ अफ्रीका वाले इनवैरिएंट्स के खिलाफ काम करेगी. यह एक महत्वपूर्ण एंश्योरेंस है कि वैक्सीन के बारे में फिक्र करने की जरूरत नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस नए स्ट्रेन के बाद से सरकार ने कई कदम उठाए है.
- 31 दिसंबर तक यूके से फ्लाइट सर्विस सस्पेंड कर दी गई है. सभी अंतरराष्ट्रीय यात्री जो 23 नवंबर 2020 के बाद से भारत आए हैं और कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनके संबंधित प्रयोगशाला से आरटी-पीसीआर सैंपल जिनोम सीक्वेंसिग के लिए भेजा जाएगा.
- साथ ही पिछले 14 दिनों में यानी 9 से 22 दिसंबर के बीच आए सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स अगर सिंप्टोमेटिक हैं और पॉजिटिव आते हैं तो उनका भी जिनोम सीक्वेंसिंग किया जाएगा. वहीं बाकी के लोगों का 5वें और 10वें दिन आरटी पीसीआर टेस्ट करवाया जाएगा और पॉजिटिव आते है तो उनका जिनोम सीक्वेंसिग किया जाएगा.
- 22 दिसंबर 2020 को जारी किए गए SARS-CoV-2 के म्यूटेशन वैरिएंट से निपटने के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल बनाया है. वहीं आने वाले दिनों में म्यूटेशन में नजर रखने के लिए कुछ प्रतिशत सैंपल कीजीनोम सीक्वेंसिंग भी की जाएगी.
- सरकार के मुताबिक यूके वायरस वेरिएंट से निपटने की हर संभव कोशिश की जा रही है. इस बीच लोगों से भी उम्मीद है कि वो सावधानी बनाए रखें, दो गज की दूरी, हाथ धोते रहना और मास्क पहनना जारी रखे.
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