RSS से जुड़ी संस्था का सुझाव- पाकिस्तान की तरकीब की तरह किया जाए टिड्डियों का खात्मा
टिड्डी झुंड की शक्ल में इकट्ठी उड़ती हुई आती है. ये जिस खेत या फसल पर बैठ जाएं उसे चट कर जाती हैं. यहां तक कि पेड़ों के पत्ते का स्वाहा कर देते हैं.
नई दिल्ली: कोरोना के अलावा इस वक्त देश में लोग टिड्डियों के आतंक से भी परेशान हैं. यूपी, राजस्थान, मध्य प्रदेश में आफत का सबब बने टिड्डी दल के प्रकोप के मद्देनजर कई जिलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में आरएसएस से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच (SJM) के राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने सुझाव दिया है कि पाकिस्तान की तरह टिड्डियों को 'चिकन फीड' में बदलकर भारत को भी टिड्डियों का खात्मा करना चाहिए.
अश्वनी महाजन ने एक आर्टिकल शेयर करते हुए ट्विटर पर लिखा, "पाकिस्तान ने टिड्डी के खतरे को चिकन फीड में बदल दिया. हमें भी इस तरीके को समझने और फिर उसी को दोहराने की आवश्यकता है."
महाजन ने मीडिया से बात करते हुए ये भी कहा कि अगर कहीं से कोई अच्छा विचार आता है, तो हमें उसे अपनाना चाहिए. ऐसे अच्छे विचारों के लिए खुद को खुला रखना चाहिए. इसमें कोई बुराई नहीं है. महाजन ने ये भी कहा कि, टिड्डियों को रात में भी पकड़ा जा सकता है जब वे उड़ते नहीं हैं और फिर उन्हें प्रोटीन में बदला जा सकता है.
टिड्डों को पकड़कर पैसा कमा रहे किसान
पाकिस्तान के ओकारा जिले में पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कीटनाशक छिड़काव का उपयोग किए बिना फसल को नष्ट करने वाले टिड्डों का खात्मा करने का एक तरीका निकाला गया है. यहां किसान टिड्डों को जाल में फंसाकर पहले पकड़ लेते हैं और फिर पशु आहार मिलों को बेचकर पैसा कमाते हैं. पशु आहार मिलों में इन टिड्डों को उच्च-प्रोटीन चिकन फीड में बदल दिया जाता है, जिसे बाद में जानवर खा लेते हैं.
पाकिस्तान और भारत दोनों देश टिड्डियों के हमले से परेशान हैं. कीड़े-मकोड़ों की प्रजातियों में टिड्डी दल बिल्कुल अलग तरह के जीव होते हैं. ये झुंड में किसी प्रशिक्षित फौज की तरह हमलावर होते हैं. और लहलहाते खेतों को तबाह कर आगे बढ़ जाते हैं. टिड्डी दल की फौज जिस खेत पर हमला करने का इरादा करती है, उस पर एक सिरे से अचानक दाखिल होती है और दूसरे सिरे पर पहुंचने तक खेत उजाड़ देती है.
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