टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू से दूसरे दिन भी जेल में पूछताछ, आज समाप्त हो जाएगी न्यायिक हिरासत की अवधि
कोर्ट ने सीआईडी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि चंद्रबाबू नायडू को ब्लू जींस ऐप के जरिए पेश किया जाए. उन्हें दी गई दो दिन की न्यायिक हिरासत की अवधि आज समाप्त हो जाएगी.
आंध्र प्रदेश पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की टीम कौशल विकास निगम घोटाले के संबंध में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू से रविवार (24 सितिंबर) को राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में दूसरे दिन भी पूछताछ कर रही है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अदालत ने मामले में आगे की पूछताछ के लिए नायडू को सीआईडी की हिरासत में भेज दिया था. नायडू से दो दिन (23 और 24 सितंबर) सुबह साढ़े नौ बजे से शाम पांच बजे तक पूछताछ की अनुमति दी गई है.
पुलिस महानिदेशक (जेल) एम आर रवि किरण ने पीटीआई-भाषा को बताया कि नायडू को अदालत की शर्तों के मुताबिक पूछताछ के लिए सीआईडी अधिकारियों को सौंप दिया गया है. अदालत द्वारा दी गई दो दिन की पुलिस हिरासत और न्यायिक रिमांड की अवधि आज समाप्त हो जाएगी. अदालत ने सीआईडी अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे आज शाम पांच बजे तक ब्लू जींस ऐप के माध्यम से नायडू को उसके समक्ष पेश करें. टीडीपी प्रमुख को शनिवार को अदालत में पेश नहीं किया गया था.
क्या है ब्लू जींस ऐप?
किरण ने कहा, 'ब्लू जींस' एक ऐप है जहां कैदियों को ऑनलाइन माध्यम से अदालतों में पेश किया जाता है. पूर्व मुख्यमंत्री को जांच के दौरान ब्रेक लेने और अदालत के आदेश के अनुसार एक वकील तक पहुंचने की अनुमति दी जाएगी. अदालत ने पूछताछ में सीआईडी की आर्थिक अपराध शाखा के तीन पुलिस उपाधीक्षक के साथ छह कनिष्ठ पुलिस अधिकारियों, एक पेशेवर वीडियोग्राफर और दो आधिकारिक मध्यस्थों को भाग लेने की अनुमति दी है.
नायडू की हेल्थ के चलते जेल परिसर में ही पूछताछ
अदालत ने पूछताछ के दौरान हर एक घंटे की पूछताछ के बाद पांच मिनट के उचित अंतराल पर नायडू के लिए वकीलों की एक टीम की सहायता की भी अनुमति दी. अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य और उम्र पर विचार करते हुए उनसे जेल परिसर में ही पूछताछ करने की अनुमति दी है ताकि वे राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार से मंगलागिरि में सीआईडी कार्यालय जाने तक की 200 किलोमीटर की यात्रा से बच सकें. नायडू को कौशल विकास निगम में कथित अनियमितताओं के आरोप में नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था. ऐसा आरोप है कि इन अनियमितताओं से राजकोष को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ.