Farmers Protest: केंद्र सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 29 नवंबर से सत्र के अंत तक रोज 500 किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में संसद के पास प्रदर्शन करने जाएंगे. नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की तीन सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसान मोर्चा ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की बात कही है. साथ ही किसान नेताओं ने यह भी कहा कि सरकार अगर गिरफ्तार करना चाहेगी तो गिरफ्तारी के लिए भी तैयार हैं. किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने को लेकर रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को सिंघु बॉर्डर पर बुलाई गई संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक काफी हंगामेदार रही.


बैठक में किसान नेताओं में मनमुटाव


बैठक के बाहर हरियाणा के किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी के समर्थकों ने नारेबाजी की तो सूत्रों के मुताबिक बैठक में चढूनी और राकेश टिकैत के बीच कहासुनी की नौबत आ गई. हालांकि यह बहस किसी खास मुद्दे को लेकर नहीं हुई. लेकिन यह किसान आंदोलन के बड़े चेहरों के आपसी अविश्वास का नतीजा है. सूत्रों के मुताबिक आंदोलन के एक साल पूरे होने पर संसद कूच करने के लिए चढूनी के साथ हरियाणा के संगठन आक्रामक थे. वहीं पंजाब में चढूनी की राजनीतिक गतिविधियों से पंजाब के किसान संगठन नाराज हैं. गुरनाम चढूनी के समर्थकों ने राकेश टिकैत को उलाहना दिया कि टिकैत पश्चिमी यूपी में सक्रियता ना दिखा दिया था हरियाणा में सक्रिय हैं. टिकैत ने भी चढूनी के तौर-तरीके पर सवाल उठाए.  


26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरे होंगे


हंगामे के बीच तय हुआ कि 26 नवंबर को आंदोलन के एक साल पूरे होने पर दिल्ली के तीनों मोर्चों पर लोग बड़ी संख्या में जुटेंगे. साथ ही इस दिन देश भर में प्रदर्शन करने का ऐलान भी किया गया है. इससे पहले संयुक्त किसान मोर्चा 22 नवंबर को लखनऊ में किसान पंचायत करने जा रहा है जिसके जरिए कृषि कानून और एमएससी के अलावा लखीमपुर खीरी कांड का मामला जोर-शोर से उठाया जाएगा. इसके अलावा मोर्चा 28 दिसंबर को मुंबर के आजाद मैदान में भी सभा करेगा. संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में एक बार फिर साफ किया गया कि पंजाब विधानसभा चुनाव में मोर्चा की कोई भूमिका नहीं होगी. जल्द ही पंजाब के किसान संगठन खेती के मुद्दों को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से मिलेंगे. 


इन सब के बीच इंतजार इस बात का है कि मोदी सरकार के साथ किसान संगठनों की बातचीत दोबारा कब शुरू होती है. लेकिन उसके पहले मोर्चा के नेताओं में ही आपसी मनमुटाव खुल कर सामने आ रहा है. पिछले दिनों ही अनुशासन तोड़ने के आरोप में योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा से निलंबित किया जा चुका है.


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