Mukhtar Ansari Death: धीमा जहर या हार्ट अटैक, कैसे हुई मुख्तार अंसारी की मौत? पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई ये वजह
मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई. वे बांदा जेल में बंद थे. उनके परिवारवालों का आरोप है कि मुख्तार अंसारी को जेल में धीमा जहर दिया गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण दिल का दौरा बताया गया.
गैंगस्टर-राजनेता मुख्तार अंसारी के पोस्टमॉर्टम से इस बात की पुष्टि हुई है कि उसकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई। अस्पताल के सूत्रों ने यह जानकारी दी. 60 से अधिक मामलों में आरोपी मुख्तार अंसारी बांदा जेल में बंद था, बृहस्पतिवार रात तबियत खराब होने के कारण उसे जेल से रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था, जहां देर रात दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई थी.
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य सुनील कौशल ने ‘पीटीआई-भाषा’ से फोन पर कहा था, ''मेडिकल कॉलेज में दिल का दौरा पड़ने से अंसारी की मौत हो गई. ’’अस्पताल के एक वरिष्ठ सूत्र, जो शुक्रवार को पोस्टमॉर्टम के दौरान मौजूद थे ने नाम न छापने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, 'मुख्तार अंसारी की मौत का कारण दिल का दौरा (मायोकार्डिअल इन्फार्क्शन) पाया गया।'
उन्होंने पोस्टमार्टम के आधार पर परिवार के सदस्यों द्वारा मुख्तार अंसारी को धीमा जहर देने के आरोपों का खंडन किया. रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में पांच डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया, जब पोस्टमार्टम किया गया तो मुख्तार अंसारी का छोटा बेटा उमर अंसारी पोस्टमार्टम हाउस के अंदर मौजूद था.
पोस्टमार्टम के बाद शुक्रवार शाम भारी सुरक्षा के बीच मुख्तार अंसारी का शव गाजीपुर के लिए रवाना हुआ. परिजनों के मुताबिक अंतिम संस्कार शनिवार सुबह गाजीपुर के मोहम्मदाबाद में किया जाएगा.
गाजीपुर के मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक मोहम्मद सुहैब अंसारी ने बताया कि उनके चचा मुख्तार अंसारी को शनिवार सुबह 10 बजे यूसूफपुर मोहम्मदाबाद (गाज़ीपुर) के काली बाग कब्रिस्तान में दफनाया जाएगा.
मुख्तार अंसारी की मौत पर विपक्षी दलों द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद शुक्रवार को मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए. अंसारी के परिवार ने आरोप लगाया है कि बांदा जेल में उन्हें ‘धीमा जहर’ दिया गया जिसके कारण उनकी मौत हो गई.बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की ओर से जारी आदेश के मुताबिक मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.