SMA Type 1 Disease: उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का अनमय स्पाइनल मस्कुलर एट्रोपी टाइप-1 (SMA)बीमारी से जूझ रहा है. अनमय महज 8 महीने का है. अनमय के पिता सुमित और मां अंकिता अपने बच्चे की जान बचाने के लिए हर दरवाजे को खटखटा रहे हैं. अंकिता कहती हैं कि उनको अनमय को सामान्य बच्चों से भी ज्यादा ध्यान देना पड़ता है. जैसे सब बच्चे खुद को सपोर्ट कर सकते हैं, खुद को उठाते हैं लेकिन अनमय अपने आप से कुछ भी कर सकने में सक्षम नहीं है. वह अपने हाथ नहीं उठा सकते हैं, सिर को बैलेंस नहीं कर सकते हैं.
बच्चे की मां अंकिता बताती हैं कि इसकी एक्टिविटी बहुत कम है. तब इसे लखनऊ में दिखाया लेकिन कुछ पता नहीं चला फिर दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में दिखाया गया और डायग्नोसिस के बाद पता चला कि इसे SMA टाइप 1 नाम की दुर्लभ बीमारी है.
क्या है इजेंक्शन की कीमत?
डॉक्टरों ने कहा कि इसका एक ही इलाज Onasemnogene Abeparvovec-xioi नाम का इंजेक्शन जिसकी कीमत 16 करोड़ रूपये है. अंकिता बताती हैं कि अनमय को इस बीमारी की वजह से नई प्रॉब्लम शुरू हो जाती है, उन्होंने कहा कि अनमय को ब्रीदिंग के साथ निगलने में बी समस्या हो रही है. उनका डर है कि टाइप 1 के बच्चे कभी भी अपना 2nd बर्थ-डे नहीं मना पाते हैं. उनका अपना कोई भविष्य नहीं नहीं होता.
ऐसे बच्चों को दो साल के अंदर ही बचाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि मेरी देश वासियों से गुहार है कि अगर इंजेक्शन लेट हुआ तो रिकवरी में दिक्कत हो जाएगी. जो भी सामर्थ्यमान है वो हमारे सपोर्ट में आएं हमारी इस मुहिम में योगदान दें जिससे जीवन बच सके. उन्होंने कहा कि हम ये अकेले नहीं कर पाएंगे.
'बच्चे गुल्लक फोड़कर कर रहे हैं हेल्प'
अनमय के पिता बोले कि अनमय को बचाने के लिए छोटे बच्चे गुल्लक फोड़कर कर अनमय की सहायता कर रहे हैं. अनमय के पिता सुमित यूको बैंक में काम करते हैं. उन्होंने बताया कि उनके मुताबिक अभी तक 1 करोड़ 93 लाख रुपये का फंड इक्ट्ठा हो चुका है.
उन्होंने कहा कि हम मदद के लिए सबके पास जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि समाजसेवी संस्थाओं, विधायकों, सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया और बुलाकर मुलाकात की. पीएम के पास भी कुछ सासंदों ने चिट्ठी लिखी है. हम लोग हर दरवाजा खटखटा रहे हैं जहां से हमको सहयोग मिल सकता हैं, लोग आगे भी आ रहे हैं और अनमय को बचाने की मुहिम काफी तेजी से चल रही है.
किन लोगों ने किया है सहयोग?
फिल्म अभिनेता सोनू सूद से लेकर कॉमेडियन सुरेंद्र शर्मा और आप के सांसद संजय सिंह से लेकर कई लोगों ने सपोर्ट किया है. इसके साथ ही लोकल लेवल पर छोटे बच्चे गुल्लक फोड़कर पैसे दे रहे हैं.
बीएचयू में रखी गई कथा
बीएचयू में शांतनु महाराज ने एक हफ्ता कथा सिर्फ अनमय के लिए रखी है उससे जो भी पैसा आएगा वो इसी में लगाया जाएगा. दुकानों में क्यूआरकोड लगा हुआ है. जनता तो मदद कर रही है लेकिन अगर समाज के कुछ बड़े लोग सामने आ जाए तो पैसा जल्दी इकट्ठा हो सकता है.
कब बीमारी का पता चला?
सुमित सिंह कहते हैं कि डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा जब पैदा हो तो तुरंत इंजेक्शन लगवाएं लेकिन अनमय की बीमारी का पता काफी देर में चला और उसकी डायग्नोसिस देर में शुरू हुई.
क्या है डॉक्टरों की सलाह?
डॉक्टरों का कहना है कि उसकी बॉडी का डिजेनेरेशन चलता रहेगा और ज्यादा समय हो जाएगा तो इंजेक्शन लगने के बावजूद रिकवरी बहुच स्लो हो जाएगी. इस इंजेक्शन की कीमत (16 करोड़ रुपये) बहुत ज्यादा है. अगर लोग सहयोग करें तो इस बच्चे की जान बच सकती है.
डॉक्टर यही सलाह दे रहें कि प्रॉपर फिजियोथेरेपी कराएं और ब्रीदिंग की समस्या के लिए pulmonologist से संपर्क करें. पिता सुमित सिंह के अनुसार फंड का पैसा इस अकाउंट में आ रहा है और लोग इसी में पैसे भेजकर मदद पहुंचा रहे हैं. जिसकी जानकारी है-
अकाउंट नंबर - 222333010166133
IFSC CODE-RATN0VAAPIS
अकाउंट होल्डर - अनमय सिंह
बैंक- RBL BANK