प्रवासी मजदूरों और गरीबों को किराये पर दिए जाएंगे छोटे फ्लैट, मोदी कैबिनेट ने दी मंजूरी
देश के विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बने छोटे फ्लैट को प्रवासी मजदूरों और गरीबों को किराये पर दिए जाएंगे.
नई दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को देश के विभिन्न शहरों में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बने छोटे फ्लैट को प्रवासी मजदूरों और गरीबों को किराये पर दिए जाने को मंजूरी प्रदान की. सरकार की योजना के तहत देश के विभिन्न शहरों में सरकार के आर्थिक सहयोग से बने छोटे फ्लैट/आवास किराये पर दिए जाएंगे.
इसके अलावा कोविड-19 संकट के दौरान देशभर में गरीबों को खाद्यान्न सहायता देने के लिए शुरू की गयी ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ की अवधि पांच महीने और बढ़ाने के फैसले पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को मंजूरी दे दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को तीन सिलेंडर मुफ्त देने के समय विस्तार समेत अन्य कई महत्वपूर्ण कदमों पर मंत्रिमंडल ने अपनी मुहर लगा दी.
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक बढ़ाने के साथ ही 100 कर्मचारियों से कम संख्या वाली कंपनियों के कर्मचारियों एवं मालिकों के भविष्य निधि से जुड़े अंशदान को सरकार की ओर से तीन महीने और देने का निर्णय हुआ.
इसके साथ ही उज्ज्वला योजना की लाभार्थियों को तीन मुफ्त सिलेंडर दिए जाने की अवधि को तीन महीने के लिए बढ़ाया गया है, सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों में 12,450 करोड़ रुपये का निवेश करने और विभिन्न शहरों में एक लाख से अधिक छोटे फ्लैट प्रवासी मजदूरों को किराये पर देने का भी निर्णय हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने गत 30 जून को राष्ट्र के नाम संबोधन में ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा की थी.
जावड़ेकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी ने गरीब कल्याण अन्न योजना को नवंबर तक बढ़ाने की घोषणा की थी. आज मंत्रिमंडल ने उसे अमली जामा पहनाया है. जुलाई से लेकर नंवबर तक पांच महीने यह योजना चालू रहेगी. 81 करोड़ लोगों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्रोम अनाज और एक किलोग्राम चना हर महीने मिलेगा.’’
मंत्री ने कहा, ‘‘ इस योजना का खर्च 1,49,000 करोड़ रुपये है. आजादी के बाद पहली बार आठ महीने 81 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज दिया गया. दुनिया के किसी देश में इतनी बड़ी योजना नहीं है.’’ सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, इस योजना दायरे में करीब 19.4 करोड़ परिवारों को खाद्यान्न मिलेगा. विस्तारित पीएमजीकेएवाई का सभी खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. यह प्रयास किया गया है कि अगले पांच महीनों तक खाद्यान्न की अनुपलब्धता के कारण किसी भी व्यक्ति, विशेषकर किसी भी गरीब परिवार को कठिनाई का सामना न करना पड़े.
मंत्रिमंडल ने उज्ज्वला लाभार्थियों के लिए ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के लाभ लेने की समय सीमा 1 जुलाई, 2020 से तीन महीने और बढ़ाने के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दी.
पीएमजीकेवाई-उज्ज्वला योजना के अंतर्गत यह फैसला किया गया था कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के उपभोक्ताओं को 01 अप्रैल 2020 से 3 महीने की अवधि में सिलेंडरों को मुफ्त में भरवाने की सुविधा दी जाएगी.
सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि योजना के अंतर्गत अप्रैल-जून 2020 के दौरान उज्ज्वला लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे 9,709.86 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए गए और पीएमयूवाई लाभार्थियों को 11.97 करोड़ सिलेंडर दिए गए.
उसके मुताबिक, योजना की समीक्षा करने पर यह पाया गया कि पीएमयूवाई लाभार्थियों का एक वर्ग योजना अवधि के भीतर भरा सिलेंडर खरीदने के लिए उनके खाते में जमा की गई अग्रिम राशि का इस्तेमाल नहीं कर सका है. अत: मंत्रिमंडल ने पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी जिसमें अग्रिम प्राप्त करने की समय-सीमा बढाने की बात कही गई थी.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक सीमित आकार तक की इकाइयों में नियोक्ताओं और कर्मचारियों के हिस्से का भविष्य निधि में भुगतान सरकार की तरफ से किए जाने की योजना तीन महीने यानी अगस्त तक के लिये बढ़ाने के प्रस्ताव को भी बुधवार को मंजूरी दी.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल मई में इस योजना को अगस्त तक बढ़ाने की घोषणा की थी. इसके तहत सरकार कर्मचारियों और नियोक्ताओं के दोनों के भविष्य निधि में योगदान यानी पूरा 24 प्रतिशत योगदान अगस्त तक देगी. इससे 3.67 लाख नियोक्ताओं और 72.22 लाख कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि ’प्रौद्योगिकी नवाचार अनुदान’ के तौर पर 600 करोड़ रुपये खर्च किए जाने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि शुरुआत में तीन लाख लाभार्थियों को कवर किया जाएगा.
सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक क्षेत्र की तीन साधारण बीमा कंपनियों के पूंजी आधार को मजबूत करने और उन्हें अधिक स्थिर बनाने के लिये उनमें 12,450 करोड़ रुपये की पूंजी डालने को मंजूरी दे दी. मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई.
जावड़ेकर ने बताया कि ‘दि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड’ को अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जायेगी.
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