नई दिल्लीः छोटी बचत योजनाएं जैसे नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट यानी एनएससी और पब्लिक प्रॉविडैंट फंड यानी पीपीएफ पर ब्याज दरों में कमी की गयी है. नयी ब्याज दरें पहली जुलाई से 30 सितम्बर तक के लिए प्रभावी होगी.


ब्याज दर में 0.1 फीसदी की कमी की गयी है. 30 जून तक जमा की गयी रकम पर पुरानी दर से ब्याज मिलेगा वहीं पहली जुलाई को या उसके बाद की गयी नयी जमा पर कम ब्याज मिलेगा. आपकी जानकारी के लिए ये बताना जरुरी है कि सरकार की छोटी जमा योजनाओं पर ब्याज दर की हर तीन महीने पर समीक्षा होती है. समीक्षा के समय समान मियाद के सरकारी बांड पर बाजार में प्रचलित ब्याज दर को आधार बनाया जाता है. एक तय समय के दौरान यदि ब्याज दर में गिरावट का रुख होता है तो छोटी जमा योजनाओं पर भी ब्याज दर में कमी होगी.


नयी दरों के मुताबिकः


15 साल वाले पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ और पांच साल वाले नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट यानी एनएससी पर ब्याज दर 7.9 फीसदी के बजाए 7.8 फीसदी होगी. पीपीएफ और एनएससी में लगाई गई हर साल लगायी गयी डेढ़ लाख रुपये तक की रकम पर टैक्स में छूट मिलती है. उधऱ, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा देने के मकसद से शुरु की गयी सुकन्या समृर्द्धि योजना पर नयी ब्याज दर 8.3 फीसदी होगी जबकि पहले ये 8.4 थी. सुकन्या समृर्द्धि योजना मे लगायी रकम पर भी टैक्स में छूट मिलती है.


दूसरी ओर किसान विकास पत्र में यदि पहली जुलाई को आप पैसा लगाते हैं तो पहले जहां 113 महीने यानी 9 साल 5 महीने में आपका पैसा दोगुना हो सकता था, वही अब ये 115 महीने यानी 9 साल सात महीने लगेंगे. किसान विकास पत्र में किए निवेश पर टैक्स में कोई छूट नहीं मिलती है.


ब्याज दर में कमी का सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों को उठाना पड़ेगा, क्योकि 5 साल के लिए सीनियर सीटिजंस सेविंग्स सर्टिफिकेट पर ब्याज दर 8.3 फीसदी से घटाकार 8.4 फीसदी कर दी गयी है. हालांकि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि आम बैंक जमा योजनाओं की तुलना में पहले से ही यहां ब्याज दर ज्यादा है, लिहाजा, बुजुर्गों को कोई परेशानी नहीं होनी वाली. अब ब्याज दर की अगली समीक्षा सितम्बर के आखिरी हफ्ते में होगी.




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