Bihar News: महागठबंधन में रार की अटकलों के बीच छोटे सहयोगियों ने की समन्वय समिति की मांग, जानें क्या बोले नेता
Bihar Mahagathbandhan: बिहार में महागठबंधन में शामिल छोट घटक दलों ने एक समन्वय समिति गठित करने की मांग की है. घटक दलों के मुताबिक, तेजस्वी यादव समिति के लिए तैयार दिखे.
Coordination Committee in Bihar Govt: बिहार (Bihar) में आरजेडी (RJD) और जेडीयू (JDU) में दरार की अटकलों के बीच महागठबंधन (Mahagathbandhan) में शामिल छोटे घटक दलों ने जल्द समन्वय समिति (Coordination Committee) गठित करने की मांग की है.
दो महीने से भी कम पुराने गठबंधन में हाल में आरजेडी और जेडीयू में कथित दरार तब आ गई जब आरजेडी के बिहार अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को 2023 में मुख्यमंत्री बना देना चाहिए. जगदानंद के बयान पर तेजस्वी यादव को सामने आकर कहा पड़ा था कि आगे से गठबंधन या मुख्यमंत्री को लेकर कोई भी बयान देने के लिए सिर्फ वही अधिकृत होंगे. वहीं, हाल में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मनमुटाव की खबर के बीच जगदानंद के बेटे सुधाकर सिंह को भी कृषि मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा है.
सीपीआईएमएल (एल) के नेता ने यह बताया
महागठबंधन में शामिल छोटे सहयोगियों, खासकर वाम दलों को लगता है कि एक समन्वय समिति बनाए जाने के लिए यह ठीक समय है. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सीपीआईएमएल (एल) के विधायक दल के नेता महबूब आलम ने बताया, ''सुधाकर सिंह के इस्तीफे के बाद तुरंत हमने उपमुख्यमंत्री से मुलकात कर समन्वय समिति गठित करने की मांग की. हमने महसूस किया कि सरकार ठीक चल रही थी और सिंह के बर्ताव जैसे उदाहरणों से प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.''
सीपीआईएमएल (एल) पार्टी बिहार के सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है लेकिन सरकार को बाहर से समर्थन कर रही है. सीपीआईएमएल (एल) के नेता महबूब आलम कहा, ''हमने सरकार बनने के तुरंत बाद एक समन्वय समिति का गठन करने और एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करने की मांग की थी. हमारा उद्देश्य ऐसे गहलफहमियों को टालना है. इसकी जरूरत केवल मजबूत हुई है.''
क्या बोले तेजस्वी यादव
आलम ने दावा किया कि तेजस्वी यादव ने उनकी बात को धैर्यपूर्वक सुना और समिति गठित करने को तैयार दिखे. आलम ने कहा, ''तेजस्वी ने मुझे उन प्रतिनिधियों के नामों को बताने के लिए कहा, जिन्हें मेरी पार्टी समन्वय समिति का हिस्सा बनाना चाहेगी, मुझे यकीन है कि वह गठबंधन के अन्य साझेदारों के साथ संपर्क में हैं और हम इसमें कुछ प्रगति देखेंगे.''
महागठबंधन में जेडीयू, आरजेडी और सीपीआईएमएल (एल) के अलावा कांग्रेस, सीपीआई, सीपीआई (एम) और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल है.
सीपीआई और कांग्रेस का क्या कहना है
सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल अंजान ने भी कहा कि हालिया घटनाक्रम जल्द समन्वय समिति के गठन की जरूरत को रेखांकित करता है जिसके लिए उनकी पार्टी ने शुरुआत में ही मांग की थी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के राज्य सचिव राम नरेश पांडेय ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी और वह इसके खिलाफ नहीं थे.
अतुल अंजान ने कहा कि जब राज्य में मोकामा और गोपालगंज विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, ऐसे में समन्वय समिति का गठन और भी अहम हो जाता है. उन्होंने कहा कि यह उपचुनाव कई दलों वाले गठबंधन के लिए एकजुटता दिखाने का अवसर होगा.
महागठबंधन में कांग्रेस तीसरा सबसे बड़ा घटक दल है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास हाल की उथल-पुथल पर प्रतिक्रिया देने से बचे लेकिन उन्होंने भी कहा कि समन्वय समिति की जरूरत है. उन्होंने कहा कि समन्वय समिति के गठन को लेकर चर्चा हुई है, यह जल्द से जल्द अमल में आएगी.
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