Smita Thackeray on Balasaheb Legacy: शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल साहेब ठाकरे की बहू स्मिता ठाकरे ने पार्टी और पर‍िवार के टूटने पर अफसोस जताया है और कहा कि यह टूटना नहीं चाह‍िए था. इससे बालासाहेब ठाकरे की आत्‍मा को दु:ख होता होगा. 


समाचार एजेंसी एएनआई के मुताब‍िक, सामाज‍िक कार्यकर्ता और फ‍िल्‍म प्रोड्यूसर स्‍म‍िता ठाकरे ने कहा कि उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों जब अलग हो रहे थे तो मैंने ऐसा नहीं होने देने के ल‍िए बहुत प्रयास क‍िया था.  


'कुछ को लगता है हम ही वार‍िस, और कोई नहीं' 


स्‍म‍िता ठाकरे ने पॉडकास्‍ट में क‍िए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि कुछ चीजें बहुत गहरी होती हैं, जोकि लग जाती हैं. कुछ को यह भी लगता है क‍ि नहीं हम ही वार‍िसदार हैं और कोई नहीं है. अगर कोई एक ऐसा सोचता है तो फ‍िर पर‍िवार के दूसरे और सदस्‍य उनके ल‍िए कोई मायने नहीं रखते हैं. उन्‍होंने यह भी कहा क‍ि अगर इस तरह की सोच बनी रहेगी तो फ‍िर 'यून‍िटी' नहीं बनी रह सकती. 


'साहेब को मानने वालों को उनके रास्‍ते पर चलना जरूरी' 


स्‍म‍िता ने श‍िवसेना के टूटने और उद्धव ठाकरे के कांग्रेस के साथ चले जाने पर कहा कि यह बहुत बुरा लगा था. बालासाहेब के ल‍िए सनातन धर्म बहुत मायने रखता था. एक पक्ष का ज‍िक्र नहीं करते हुए उन्‍होंने यह भी  कहा कि जो एक पहचान बनाकर रखी हुई थी, उसको 'डायलूट' (कमजोर) क‍िया गया जोक‍ि क‍िसी को भी बुरा लगेगा. अगर आप साहेब को मानते हैं तो उनके ही रास्‍ते पर चलना जरूरी था.  


'बालासाहेब ने कभी कुर्सी को महत्‍व नहीं द‍िया' 


स्‍म‍िता ठाकरे ने उद्धव ठाकरे के एनसीपी-कांग्रेस के साथ चले जाने के मसले पर कहा कि इस फैसले से बालासाहेब की आत्‍मा को बुरा लगा होगा. बालासाहेब ने कभी कुर्सी को महत्‍व नहीं द‍िया था और मुझे लगा था क‍ि उस वक्‍त जो हो रहा है वो स‍िर्फ कुर्सी के ल‍िए ही हो रहा है. 






'एकनाथ श‍िंदे ने बुलाया था बड़े सम्‍मान के साथ' 


सामाज‍िक कार्यकर्ता स्‍म‍िता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि दशहरा रैली के दौरान बहुत लंबे समय बाद मैंने श‍िरकत की थी. बालासाहेब ठाकरे के समय में इस रैली को लेकर बहुत उत्‍साह रहता था. इस बार दशहरा रैली में महाराष्‍ट्र के सीएम एकनाथ श‍िंदे ने बड़े सम्‍मान के साथ बुलाया था, तो मैं वहां पर गई थी. मुझे यह नहीं पता था कि स्‍टेज पर बुलाया जाएगा. यह एक सम्‍मान से जुड़ा वाक्‍य रहा. इसका राजनीत‍िक मतलब कुछ नहीं था. वह सभी श‍िवसेना के कार्यकर्ता रहे ज‍िनको लंबे समय से मैंने देखा है. 


स्‍मिता ठाकरे उद्धव ठाकरे के बड़े भाई जयदेव ठाकरे की पूर्व पत्‍नी हैं. राजनीत‍ि में उनकी कोई खास द‍िलचस्‍पी नहीं रही है. 


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