Smog Tower in Noida: नोएडा में बने पहले प्रोटोटाइप वायु प्रदूषण टावर का उद्घाटन आज भारी उद्योग मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडे ने किया. इस प्रोग्राम में गौतम बुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा भी शामिल हुए. स्मॉग टावर को नोएडा में डीएनडी फ्लाईओवर के पास बनाया गया है. इसे भारतीय हैवी इलैक्ट्रिकल लिमिटेड यानि भेल ने नोएडा अथॉरिटी के साथ मिलकर तैयार किया है.


क्या है यूपी के पहले स्मॉग टॉवर में खास 


दरअसल टावर की सबसे खास बात इसकी ऊंचाई है. मिली जानकारी के अनुसार यह टावर करीब बीस मीटर ऊंचा है और ये 400 मीटर रेडियस में हवा को साफ करने का काम करेगा. इसकी क्षमता 80 हजार घन मीटर प्रति घंटा है. ये टॉवर 2.5 पीएम तक को फिल्टर करने का काम करता है. बीएचईएल में रिसर्च एंड डेवलेपमेंट के एक्सक्यूटिव डॉयरेक्टर आर आचार्य का कहना है कि इसे करीब 3 करोड़ की लागत से बनाया गया है. इसमें BHEL की तरफ से पैसा खर्च किया गया है वहीं जमीन नोएडा अथॉरिटी की तरफ से दी गई है.  


कैसे काम करता है स्मॉग टॉवर 


इस स्मॉग टॉवर में दो तरीके से प्रदूषित हवा को साफ किया जाता है. पहला प्लीटेड फिल्टर के जरिए जो इस टॉवर में 48 लगे हैं दूसरा कार्बन फिल्टर की मदद से जो 32 लगाए गए है. इनकी मदद से प्रदूषित हवा साफ की जाती है. स्मॉग टॉवर में लगे चार पंखे साफ हवा को वापस बाहर फेंकने का काम करते हैं. अगर ये स्मॉग टॉवर कामयाब रहा तो आने वाले दिनों में नोएडा में इस तरह के बीस टॉवर और लगाए जाएंगे 


स्मॉग टॉवर बनाने में अहम भूमिका 


बीएचईएल अनुसंधान एवं विकास ने इस स्मॉग टॉवर को हैदराबाद में डिजाइन किया है. जिसमें आरएनडी टीम के एक्सक्यूटिव डायरेक्टर आर आचार्य की अहम भूमिका है. इसे बीएचईएल की हरिद्वार ईकाई में बनाया गया है. सभी सिविल और इलैक्ट्रिकल कामों समेत डिजाइनिंग, निर्माण, परीक्षण, इरेक्शन, कमीशनिंग का काम बीएचईएल के जिम्मे है. कमीशनिंग के बाद टॉवर के चारों तरफ वायु प्रदूषण का मापन और आंकलन भी भेल करेगा. 


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