Smoking, Gutkha Banned on Chamundi Hills: कर्नाटक सरकार ने मंगलवार (3 सितंबर 2024) को एक अहम फैसला लिया. इसके तहत मैसूर के चामुंडी हिल्स में धूम्रपान, शराब पीने और गुटखा पर प्रतिबंध लगाया गया है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि चामुंडी दर्शन के दौरान मोबाइल के इस्तेमाल पर भी रोक लगाई गई है.
चामुंडी हिल्स में चामुंडेश्वरी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (CKDA) की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद सीएम सिद्धारमैया ने कहा, “हमने प्रसादम (भोजन) वितरित करने, प्लास्टिक प्रतिबंध लागू करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए चामुंडी हिल्स में विभिन्न स्थानों पर CCTV कैमरे लगाने की योजना बनाई है.”
भक्तों की सुविधा के लिए टास्क फोर्स का होगा गठन
सीएम ने आगे कहा, “इस प्राधिकरण का गठन चामुंडी हिल्स के विकास की देखरेख, भक्तों की सुविधाओं पर ध्यान केंद्रित करने और क्षेत्र में अपराधों को रोकने के लिए ही किया गया है. यहां आने वाले लोगों (खासकर दशहरा के दौरान) की सुरक्षा के लिए और उन्हें एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए एक टास्क फोर्स की स्थापना की जाएगी.” उन्होंने कहा कि मंदिर के अंदर (चामुंडी हिल्स पर) फोटोग्राफी प्रतिबंधित रहेगी और मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर भी रोक रहेगी. दर्शन के दौरान मोबाइल फोन बंद कराए जाएंगे. चामुंडी हिल्स को और अधिक आकर्षक बनाना और सभी सुविधाएं प्रदान करना हमारा लक्ष्य है. हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यहां कोई ड्रेस कोड नहीं होगा. किसी भी जाति, धर्म और लिंग के लोग मंदिर में आ सकते हैं.
आसपास के अन्य मंदिरों का भी होगा विकास
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की तीर्थयात्रा पुनरुद्धार एवं आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना को लागू करने के लिए प्राधिकरण से 11 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि जारी की जाएगी और पांच मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि चामुंडी पहाड़ी और यहां के मंदिर के अलावा आसपास 24 और मंदिर हैं. उन मंदिरों का भी विकास मुख्य मंदिर के साथ होना चाहिए.
पूर्व राजपरिवार ने बैठक का किया विरोध
इन सबके बीच पूर्व राजपरिवार ने सीकेडीए की बैठक का विरोध किया, क्योंकि सीकेडीए के गठन पर अदालत में सुनवाई चल रही है. मैसूर-कोडागु भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद यदुवीर वोडेयार ने कहा, "प्राधिकरण की बैठक को लेकर अदालती आदेश के बावजूद, सीएम के नेतृत्व में चामुंडेश्वरी निर्वाचन क्षेत्र विकास प्राधिकरण की पहली बैठक हुई, जो नहीं होनी चाहिए थी. बैठक आयोजित करना अदालत के आदेश का उल्लंघन है और वे आने वाले दिनों में कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे.”
'सरकार को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए'
यदुवीर वोडेयार ने कहा, "हमने प्राधिकरण की संरचना को अदालत में चुनौती दी है. सरकार को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. प्राधिकरण के गठन से मौलिक धार्मिक विश्वास के अधिकार को खतरा है और वे अपने धार्मिक अधिकार किसी को नहीं देंगे. हम चामुंडेश्वरी पहाड़ी क्षेत्र के विकास का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन हम सीकेडीए के गठन के खिलाफ हैं, जो हमारी धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाता है." उन्होंने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि मंदिरों के पैसे का इस्तेमाल मंदिरों, खासकर हिंदू मंदिरों के लिए नहीं किया जा रहा है.
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