Smriti Irani on Buddhist Development Plan: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने रविवार (10 मार्च) को वर्चुअल तरीके से बौद्ध समुदाय के विकास के लिए 225 करोड रुपये के 38 प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखी. प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अंतर्गत ये परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं. केंद्रीय मंत्री ईरानी ने कहा कि बौद्ध अल्पसंख्यकों के विकास और समृद्धि के लिए सरकार ने एक बौद्ध विकास योजना समर्पित की है.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इन परियोजनाओं को खासतौर पर बौद्ध विकास योजना के तहत हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में शुरू किया गया है.
डीयू के CIBS को 30 करोड की वित्तीय मदद
वर्तमान सरकार की 'विरासत के साथ विकास' और 'विरासत का सम्मान' की अवधारणा के अनुरूप अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय में केंद्रीय बौद्ध अध्ययन संस्थान (CIBS) को सुदृढ बनाने के लिए 30 करोड रुपये की वित्तीय सहायता देने की भी घोषणा की. यह केन्द्र शैक्षणिक सहयोग, शोध को बढावा देने, भाषा के संरक्षण और बौद्ध जनसंख्या के कौशल उन्नयन पर ध्यान केन्द्रित करेगा.
'बौद्ध सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान का संरक्षण करना होगा'
'विकसित भारत' के उद्देश्य के अनुरूप मंत्री ईरानी ने इच्छा व्यक्त की कि सीआईबीएस और अन्य प्रमुख संस्थानों को एकीकृत विकास के लिए मिलकर सहयोग करना चाहिए जिससे बौद्ध सांस्कृतिक विरासत और ज्ञान का संरक्षण किया जा सके. साथ ही उन्हें आधुनिक शिक्षा दी जा सके.
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में हुआ कार्यक्रम आयोजन
नई दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम के अलावा, यह कार्यक्रम संबंधित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी सिक्किम सरकार के मुख्यमंत्री प्रेम सिंग तमांग, केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के राज्य मंत्री जॉन बारला, संबंधित राज्यों के विभिन्न मंत्री, संसद सदस्य, विधान सभा के सदस्य और अन्य व्यक्तियों की उपस्थिति में आयोजित किया गया है.
बौद्ध विकास योजना के तहत इन राज्यों में खर्च होगी इतनी राशि
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि बौद्ध विकास योजना के अंतर्गत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश के लिए 41 करोड रुपये की 10 परियोजनाएं और सिक्किम के लिए 43 करोड 98 लाख रुपये की लागत की 10 परियोजनाएं समर्पित की हैं. उन्होंने बताया कि इस पहल के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश के लिए 25 करोड 45 लाख रुपये की लागत के 11 प्रस्ताव, उत्तराखंड के लिए 15 करोड 14 लाख रुपये की लागत के 3 प्रस्ताव और लद्दाख के लिए 14 करोड़ 50 लाख रुपये की लागत के 2 प्रस्ताव समर्पित किये गए हैं.