Smriti Irani Visited Wayanad in Kerala: केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani ) ने मंगलवार को केरल में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) के संसदीय क्षेत्र वायनाड का दौरा किया. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने कई मसलों को उठाते हुए आरोप लगाया कि जिले में अभी बहुत कुछ नहीं किया गया है. केंद्रीय मंत्री ईरानी ने स्थानीय प्रशासन के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से भी मुलाकात की. उन्होंने लगभग 1.35 लाख घरों में पानी के कनेक्शन की कमी, आदिवासियों में स्वास्थ्य के मुद्दों की उपेक्षा, उनके भूमि रिकॉर्ड का गैर-डिजिटलीकरण और कौशल विकास सुनिश्चित करने जैसी कई कमियों की तरफ इशारा किया. इस बीच कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या स्मृति ईरानी अब वायनाड क्षेत्र से चुनाव लड़ सकती हैं?
क्या स्मृति ईरानी अब वायनाड क्षेत्र से लड़ेंगी चुनाव?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) ने कहा कि आदिवासियों (Tribals) के जीवन को आसान बनाने की जरूरत है. जिले में बुनियादी ढांचे को मजबूत और विकसित करने की जरूरत है. स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और वित्तीय सेवाओं जैसी सेवाओं को वहां के लोगों खासकर सबसे गरीब लोगों तक पहुंचाने की जरूरत है. केंद्रीय मंत्री ने वहां पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बहुत कुछ है जो नहीं किया गया है और मुझे जिला प्रशासन द्वारा आश्वासन दिया गया है कि यह किया जाएगा.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने काग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी कटाक्ष किया. मीडिया ने जब उनसे सवाल किया कि क्या वह वायनाड से चुनाव लड़ने पर विचार करेंगी अगर उनकी पार्टी उनसे कहती है. इस पर स्मृति ईरानी ने कहा, "मैं राहुल गांधी नहीं हूं, मैं अमेठी से नहीं भागती". उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने साथ अमेठी से वायनाड तक कॉम्प्लीमेंट्स लेकर आती हैं.
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मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि उन्हें आज पता चला कि जिले में करीब 57,000 किसान ऐसे हैं जिनके पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं है, 1.35 लाख परिवारों के घरों में पानी के कनेक्शन नहीं हैं. पिछले 50 वर्षों से चल रहा है लेकिन अभी तक यह पूरा नहीं हुआ है और गरीबों के लिए आवास योजनाओं को लागू नहीं किया जा रहा है.
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की कई योजनाएं थीं, जैसे कि प्रधान मंत्री की स्ट्रीट वेंडर की आत्म निर्भर निधि (पीएम स्वानिधि) और दूसरी स्कूल से बाहर की लड़कियों के फिर से नामांकन के लिए थी, जिन्हें भी लागू नहीं किया जा रहा था क्योंकि इनके विषय में जिला स्तर के अधिकारी अनजान थे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्हें जिला प्रशासन से एक प्रतिबद्धता मिली है कि वे अपनी प्रक्रियाओं की समीक्षा करेंगे ताकि सिस्टम को बेहतर बनाया जा सके.
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