Smriti Irani mocks Rahul Gandhi: अमेठी में राहुल गांधी के सामने 'गो बैक' के लगे नारे, स्मृति ईरानी बोलीं- सूनी सड़कों ने किया स्वागत
राहुल गांधी की यात्रा रविवार को अमेठी पहुंची. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल पर निशाना साधा. स्मृति ने कहा, जिसे खुद सहारे की जरूरत है वो दूसरों के लिए सहारा कैसे बन सकता है.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा सोमवार को उत्तर प्रदेश के अमेठी पहुंची. अमेठी के गांधी चौक पहुंचने पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और 'राहुल गो बैक' के नारे लगाए. 'जय श्रीराम' का झंडा लेकर पहुंचे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. हालांकि, पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं को चौक से करीब 30 मीटर दूर ही रोक दिया. उधर, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी की यात्रा को लेकर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी राहुल गांधी की यात्रा में हिस्सा नहीं लिया. सूनी सड़कों ने उनका स्वागत किया.
स्मृति ईरानी ने अमेठी में राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के शामिल नहीं होने का दावा करते हुए कहा कि जिसे खुद सहारे की जरूरत है वो दूसरों के लिए सहारा कैसे बन सकता है. स्मृति चार दिन के दौरे पर अमेठी पहुंची हैं.
सुलतानपुर और प्रतापगढ़ से बुलाए गए कार्यकर्ता- स्मृति ईरानी
उन्होंने कहा, राहुल गांधी अमेठी यात्रा लेकर पहुंचे. उन्होंने अमेठी को सत्ता का केंद्र तो माना मगर उसकी सेवा नहीं की. यही कारण है कि उनका स्वागत अमेठी की सूनी सड़कों ने किया है. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भी राहुल गांधी की यात्रा में हिस्सा नहीं लिया. यही वजह है कि कांग्रेस को सुलतानपुर और प्रतापगढ़ से कार्यकर्ता बुलाने पड़े.
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ये वही लोग हैं जिन्होंने रामलला (अयोध्या में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम) का निमंत्रण ठुकरा दिया था. इससे अमेठी के नागरिक व्यथित हैं. यही कारण है कि आज जब राहुल गांधी अमेठी आए हैं तो यहां के लोगों का सहयोग उन्हें नहीं मिला है. स्मृति ने रायबरेली से पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा चुनाव नहीं लड़े जाने और राज्यसभा जाने के ऐलान की तरफ इशारा करते हुए कहा, ''2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी ने बदलाव करके इस परिवार को यहां से विदा कर दिया और यही कारण है कि 2024 में यह परिवार रायबरेली से भी भाग निकला.''