नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने छात्रों द्वारा ''जय हिंद'' बोलकर हाजिरी लगाने के लिए स्कूलों को दिए गुजरात सरकार के निर्देशों पर विपक्ष की आलोचना को मंगलवार को खारिज किया और कहा कि वह ''जय हिंद'' बोलकर देश की ख्याति का जश्न मनाएंगी. गुजरात सरकार ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि छात्र ''येस सर'' के बजाय ''जय हिंद'' या ''जय भारत'' बोलकर हाजिरी लगाएं. इस पर मंगलवार को राजनीतिक विवाद शुरू हो गया.


प्राथमिक शिक्षा निदेशालय और गुजरात उच्च एवं उच्चतर शिक्षा बोर्ड (जीएसएचएसईबी) की ओर से सोमवार (31 दिसंबर) को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सरकारी, सहायता प्राप्त, स्व वित्तपोषित स्कूलों के कक्षा एक से 12वीं तक के छात्र एक जनवरी से हाजिरी के दौरान नाम पुकारे जाने पर 'जय हिंद' या 'जय भारत' कहें. अधिसूचना कहती है कि नई व्यवस्था का मकसद छात्रों में ''बचपन से ही राष्ट्रभक्ति की भावना पैदा करना है.''


गुजरात सरकार के निर्देश पर एक सवाल का जवाब देते हुए ईरानी ने कहा, ''अगर आप कह रहे हैं कि विपक्ष की दलील यह है कि जय हिंद कहकर आप प्रतिगामी बन रहे हैं तो गुजरात के सांसद के तौर पर मैं कहूंगी कि मैं अपने देश को गले लगाउंगी और उसकी ख्याति का जश्न मनाउंगी और जय हिंद कहूंगी.''


कांग्रेस के साथ पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने इस कदम की आलोचना की और कहा कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार 'जय हिंद' या 'जय भारत' के बजाय ''शिक्षा की खराब होती गुणवत्ता'' को सुधारने के लिए काम करती. बहरहाल, गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्मा ने निर्देश का बचाव करते हुए कहा कि इससे छात्रों के बीच ''देशभक्ति की भावना'' पैदा होगी.


गुजरात कांग्रेस प्रमुख अमित चावड़ा ने कहा कि इस नए नियम से सरकारी और मान्यता प्राप्त स्कूलों में ''शिक्षा की गुणवत्ता नहीं बदलेगी.'' उन्होंने कहा, ''बीजेपी सरकार ने छात्रों के बीच देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए कई प्रयास किए. कुछ नियमों को बदलकर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नहीं होगा.''


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