नई दिल्ली: केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि महिलाओं को खुद को सहज महसूस करने वाले दायरे (कंफर्ट जोन) से बाहर निकलना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' जैसे आधुनिक प्रौद्यागिकी के दौर में हो रहे बदलावों की अगुवाई करने का समय है.
'एसोचैम' की महिला नेतृत्व और सशक्तीकरण शिखर सम्मेलन व पुरस्कार समारोह में ईरानी ने यह भी कहा कि महिलाएं अच्छे ढंग से नेतृत्व कर सकती हैं क्योंकि वे सतत विकास, डिजिटल क्रांति और नयी पीढ़ी की उद्यमिता को लेकर बेहतर तरीके से निपुण हैं.
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उन्होंने कहा, "हमें यह समझने की जरूरत है कि क्या चीजें हैं जो महिलाओं को उच्च पदों पर आसीन होने से रोकती हैं. मैं महिलाओं को सलाह देना चाहती हूं कि वे असहज नहीं हों. महिलाओं को बेहतर ढंग से विचार-विमर्श करना चाहिए और किसी चीज को लेकर कोई हीन भावना नहीं होनी चाहिए."
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स्मृति ईरानी ने कहा कि महिलाओं को सहज महसूस करने वाले दायरे से बाहर निकलना चाहिए क्योंकि यह उनके लिए 'आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस' और 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' जैसे आधुनिक प्रौद्यागिकी के दौर में हो रहे बदलावों की अगुवाई करने का समय है.
एसोचैम महिला परिषद् की प्रमुख दिपाली गोयनका ने कहा कि सरकार ने महिलाओं के लिए 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना' सहित कई कदम उठाए हैं.