लगभग 4 महीने बाद जम्मू-कश्मीर में शुरू हुई SMS सेवा, सरकारी अस्पतालों में चलेगा इंटरनेट
इसी साल पांच अगस्त को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का एलान किया था और जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का एलान किया था. इसी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में मोबाइल, फोन और इंटरनेट सेवा रोक दी गई थी.
श्रीनगर: कश्मीर घाटी में करीब चार महीने से बंद मोबाइल एसएमएस सेवा फिर से शुरू हो गई. साढ़े चार महीने बाद मंगलवार मध्यरात्रि से कश्मीर में सरकारी अस्पतालों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा और सभी मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवा बहाल कर दी गई है. यह कदम नए साल के आगमन के साथ उठाया गया है. हालांकि मोबाइल इंटरनेट के अलावा अधिकतर सेवाएं प्रतिबंध के एक हफ्ते के भीतर जम्मू में शुरू कर दी गई थीं लेकिन कश्मीर में लैंडलाइन और पोस्ट पेड सेवा कई चरणों में बहाल की गई.
जम्मू कश्मीर के प्रधान सचिव रोहित कंसल ने आज बताया कि जम्मू कश्मीर के सभी सरकारी दफ्तरों में ब्रॉडबैंड सुविधा और SMSसुविधा चालू होंगी. उन्होंने कहा, ''कश्मीर में 31 दिसंबर की मध्य रात्रि से सभी सरकारी अस्पतालों में इंटरनेट सेवाएं, सभी मोबाइल फोन पर एसएमएस सेवाएं बहाल हो जाएंगी.''
कश्मीर में अभी मोबाइल पर इंटरनेट और प्री पेड मोबाइल सेवा बहाल होना बाकी है. अक्टूबर में कश्मीर में पोस्ट पेड मोबाइल सेवा बहाल की गई. घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा रोके जाने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन समेत अन्य लोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में तेजी से हालात बदल रहे हैं. देश के नए सेना प्रमुख मनुज मुकुंद नरावणे ने कहा कि अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद कश्मीर में स्थिति में काफी सुधार हुआ है. वहीं जम्मू-कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कानून एवं व्यवस्था से संबंधित घटनाएं 2019 में घटकर 481 हो गई हैं जो पिछले साल 625 थीं.
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