पहले ट्वीट में स्नेहा मोहनदास ने अपना परिचय दिया और अपने काम के बारे में एक वीडियो ट्वीट किया. वीडियो में स्नेहा मोहनादस ने बताया उन्होंने 2015 में चेन्नई बाढ़ के दौरान फूड बैंक की शुरूआत की थी. स्नेहा का कहना है कि फूडबैंक का उद्देश्य भूख के खिलाफ लड़ना है और देश को भूख से मुक्त करना है.
उन्होंने बताया कि ये प्रेरणा उन्हें उनकी मां से मिली जो कि उनके दादा के जन्मदिन या त्योहारों पर अनाथ बच्चों को घर लाकर खाना खिलाती थीं. उन्होंने फूड बैंक की शुरुआत एक फेसबुक पेज से की थी. अभी फूड बैंक भारत के कई राज्यों के अलावा साउथ अफ्रीका में काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि वह डोनेशन पैसे के रूप में न लेकर खाना डोनेट करने को बोलती हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि देश में कोई भी भूखा न रहे.
दूसरे ट्वीट में स्नेहा मोहनदास ने बताया कि फूड बैंक के देश भर में 20 चैप्टर हैं. इसके अलावा उन्होंने लिखा कि वह सामूहिक रसोई, कुकिंग मैराथन जैसे कैंपेन भी कर रही हैं. साथ ही वह स्तनपान को लेकर भी जागरुकता अभियान चलाती हैं. उन्होंने बताया कि इस काम को करने में उनके वॉलेंटियर्स उनकी काफी मदद करते हैं.
तीसरे ट्वीट में स्नेहा ने कहा कि जो मैं कर रही हूं उससे सशक्त महसूस करती हूं. उन्होंने आगे कहा कि ! मैं अपने साथी नागरिकों, खासकर महिलाओं को आगे आने और मेरे साथ काम करने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं. मैं सभी से आग्रह करती हूं कि कम से कम एक जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं और एक भूख मुक्त दुनिया बनाने में योगदान दें. आपको बता दें ट्वीट करने से पहले स्नेहा मोहनदास को लगभग 400 लोग ही ट्विटर पर फॉलो करते थे। अब उनके फॉलोअर्स की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। खबर लिखे जाने तक उन्हें 1700 से अधिक लोगों ने फाॅलो कर लिया था।