Snowfall Pattern in India: देश के जिन हिस्सों को बर्फबारी के लिए जाना जाता है, उनमें से कई लोकेशंस पर लोग इस बार स्नोफॉल (Snowfall) के लिए तरस गए. जम्मू और कश्मीर से लेकर लद्दाख में जहां बर्फ की मोटी चादर सतह से लेकर मकानों को ढंक दिया करती थी, वहां सूखे मैदान नजर आए. गर्म दिनों और ठंडी रातों के साथ असामान्य मौसम जम्मू और कश्मीर को परेशान करता दिखा और जनवरी के महीने में भी बर्फबारी की बहुत कम संभावना के साथ लद्दाख क्षेत्र संभावित सूखे जैसी स्थिति की ओर बढ़ा है। कश्मीर में मौसम विभाग के निदेशक डॉ. मुख्तार अहमद के मुताबिक, 25 जनवरी तक क्षेत्र में बारिश और बर्फबारी की बहुत कम संभावना है.


वैसे, दो कमजोर पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) आएंगे और वे थोड़ी बर्फबारी ही लाएंगे. वह भी ऊंचे पहाड़ों पर जिस का मतलब है कि इस माह भी कश्मीर घाटी या लदाख में कोई बर्फ़बारी न होने के आसार लगाए जा रहे हैं. शनिवार (13 जनवरी, 2024) को कश्मीर की गुरेज घाटी के तुलैल इलाके में सुबह कुछ बर्फबारी हुई मगर वहां बर्फबारी की मात्रा नियमित मात्रा से काफी कम थी. स्थानीयों की मानें तो क्षेत्र में केवल एक इंच से अधिक बर्फबारी हुई पर जनवरी के दौरान घाटी आमतौर पर 10-20 फीट तक बर्फ से ढंकी दिखाई देती थी जो चिंता बड़ा रही है. 




जम्मू और कश्मीर के गुलमर्ग की 31 दिसंबर 2022 की तस्वीर (लेफ्ट में) और दूसरी ओर इसी लोकेशन पर सात जनवरी 2024 को कुछ ऐसा नजारा दिखा. (फाइल) 


हालांकि, कश्मीर के लिए बर्फबारी टूरिस्ट अट्रैक्शन (पर्यटकों के बीच आकर्षण के केंद्र) से कहीं अधिक है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह वहां के स्थानीय मौसम के लिए बेहद अहम मानी जाती है. शीतकालीन फसलें, बागवानी, झरनों और नदियों में पानी की उपलब्धता के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था इस पर निर्भर करती है। यही वजह है कि पूरी कश्मीर घाटी में कम या बिल्कुल बर्फबारी की सूचना न मिलने से स्थानीयों को कृषि, बागवानी और पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ने का डर सता रहा है. चिंता बढ़ाने वाली बात यह भी है कि नदियों में पानी के बहाव में अनुमानित गिरावट आई है जो जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को 100% बिजली की आपूर्ति करने वाली जलविद्युत परियोजनाओं को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती है. लद्दाख में मौसम कार्यालय ने भी बर्फबारी के मामले में जनवरी महीने के कमजोर रहने की चेतावनी दी है क्योंकि इस माह के अंत तक क्षेत्र में कोई बड़ी बर्फबारी नहीं होगी.


इस बीच, पहाड़ी सूबा हिमाचल प्रदेश भी बर्फबारी की आस लगाए बैठा है और वहां भी लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं. हालांकि, मौसम विभाग ने हिमाचल के लिए अनुमान जताया है कि वहां अगले दो दिनों में बारिश और बर्फबारी (वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते) होगी. सूबे के ऊपरी हिस्सों में स्नोफॉल होगी, जबकि बीच और नीचे के क्षेत्रों में बारिश दर्ज की जाएगी. उत्तराखंड की बात करें तो वहां मौसमी बदलाव की संभावना है जिसके बाद हल्की बर्फबारी हो सकती है. ताजा वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के चलते वहां के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौड़ागढ़ सरीखे जिलों में अगले कुछ दिनों में हल्की बारिश और बर्फबारी हो सकती है. 


...तो India में यहां होता है Snowfall



  • जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर, गुलमर्ग, पहलगाम और सोनमर्ग में. 

  • हिमाचल प्रदेश के शिमला, मनाली, कुल्लू, डलहौजी, धर्मशाला और मैक्लोडगंज में.

  • उत्तराखंड के मसूरी, नैनीताल, औली, धनौल्टी और चोपता में.

  • अरुणाचल प्रदेश के तवांग में.

  • सिक्किम के गैंगटोक और नाथुला पास के इर्द-गिर्द.

  • पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में.

  • मेघालय के शिलॉन्ग में.


बर्फबारी से इन जगहों पर बूस्ट होता है Tourism


सर्दी के दौरान जहां-जहां जमकर बर्फ गिरती है, वहां का पर्यटन भी इससे बूस्ट होता है. बर्फीले माहौल में पर्यटक स्कीइंग से लेकर तब एडवेंचर स्पोर्ट्स का लुत्फ उठाते हैं. यही वजह है कि ऐसी लोकेशंस में उनके बीच उत्तराखंड का ऑली बड़ा पसंद किया जाता है. वहां नवंबर मध्य से बर्फबारी होने लगती है. फिर जम्मू और कश्मीर के कई इलाके भी पर्यटन के लिए जाने जाते हैं जिनमें पहलगाम, गुलमर्ग, पटनीटॉप और सोनमर्ग आदि हैं. लद्दाख के अलावा सिक्किम का कटाव और हिमाचल प्रदेश के मनाली, शिमला व कुफरी भी अच्छी-खासी बर्फबारी रिकॉर्ड करते हैं.


ये हैं वे जगहें जहां Summers में गिरती है बर्फ



  • सिक्किम की युमथंग वैली (Yumthang Valley). यह लोकेशन फ्लावर वैली ऑफ सिक्किम के तौर पर भी जानी जाती है. 

  • कश्मीर का पहलगाम (Pahalgam) समुद्र तल से करीब 7200 फुट की ऊंचाई पर है जो कि गर्मियों के दौरान भी बर्फ से ढंका रहता है.

  • लद्दाख का द्रास (Drass) देश का सबसे ठंडा आबाद क्षेत्र भी माना जाता है और लोग इसे 'गेटवे टू लद्दाख' भी कहते हैं.

  • लेह भी टूरिस्ट्स के बीच ऐसे ही डेस्टिनेशंस में से है, जहां लोग गर्मियों के दौरान कूल-कूल फील करने जाते हैं.

  • उत्तराखंड का मुनस्‍यारी खूबसूरत पर्वतीय स्थल है जो नेपाल और तिब्बत की सीमाओं के पास है और यह चारों ओर से पर्वतों से घिरा है.

  • सिक्किम का जुलुक भी लोगों की ट्रैवल बकेट लिस्ट में रहता है, जो कि नॉर्थ ईस्ट के सूबे के पूर्वी हिस्से में आता है. 

  • हिमाचल प्रदेश का रोहतांग भी पॉपुलर माउंटेन पास है और यह कुल्लू वैली से लाहौल और स्पिति वैली को जोड़ता है. आमतौर पर यह मई से नवंबर तक खुला रहता है.