नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि एक 'तथाकथित' चाय बेचने वाला चाय बेचते बेचते कहां से कहां पहुंच सकता है, तो मैं नोटबन्दी और जीएसटी पर क्यों नहीं बोल सकता हूं? उन्होंने कहा कि जीसटी क्या है? इसका मतलब है- गइल सरकार तोहार. पटना साहिब से बीजेपी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आम आदमी पार्टी (आप) की 'जन अधिकार रैली' को वाराणसी में संबोधित करते हुए पीएम के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली और स्मृति ईरानी पर भी जमकर वार किये.


उन्होंने कहा, ''मैं मंत्री बनने से ऊपर निकल चुका हूं, मैं अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में मंत्री था. फिर उन्होंने ऐसे तैसे को बना दिया. वकील को वित्त मंत्री दिया, टीवी की एक्ट्रेस को HRD मिनिस्टर बना दिया.'' उन्होंने कहा कि आज हमारी अपनी सरकार में दलित परेशान हैं, किसानों को अपनी सब्जियां फेंकनी पड़ रही है, किसी को रोजगार नहीं मिला. सिन्हा ने गंगा सफाई अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा कि काशी की गंगा कहां चली गई, गंगा के लिए कुछ करना होगा.


शत्रुघ्न सिन्हा ने बेनियाबाग के मैदान में आयोजित आम आदमी पार्टी की सभा में कहा कि आज चुनाव की घड़ी आ गयी है. खूब वादे होंगे. इतने लाख आ जाएंगे. जहां नदी नहीं होगी वहां भी पुल बना देंगे. मैं सभी कुछ छोड़कर बीजेपी में आया लेकिन सबसे पहले भारत का हूं. उन्होंने कहा कि अटल जी की सरकार में मंत्री था. मंत्री बनना मेरी महत्वाकांक्षा नहीं है. लेकिन मेरे ऊपर कोई आरोप नहीं लगा, फिर क्यों मंत्री पद से दूर रखा गया.


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सिन्हा ने कहा कि जबतक वो बीजेपी में हैं तबतक पार्टी की मर्यादा का पालन करते रहेंगे लेकिन मुद्दों पर बिना नाम लिए बात जरूर कहेंगे. बिहार में इग्नोर किये जाने पर उन्होंने कहा कि करने वाले जरूर इग्नोर करते हैं लेकिन वो किसी का नाम नहीं लेंगे. वर्तमान में अघोषित आपातकाल के अपने बयानों पर कहा कि वो संघर्ष करने की ताकत रखते हैं और देश पार्टी से बड़ा है इसलिए बयान भारत की जनता के प्रति है ना कि पार्टी के खिलाफ.



आप की रैली से इतर शत्रुघ्न सिन्हा ने एबीपी न्यूज़ के शो 'मास्टरस्ट्रोक' का ज़िक्र करते हुए कहा कि शो में किसानों के मुद्दों को देखकर हर कोई आज के हालात को देखकर सोचने को मजबूर हो जाता है और इंसाफ दिलाने वाला कोई नहीं है. आडवाणी जी को राष्ट्रपति ना बनाये जाने पर शत्रु ने कहा कि आडवाणी जी को राष्ट्रपति पद का ऑफर दिया जाना चाहिए था या उन्हें भारत रत्न दिया जाना चाहिए था. राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा व्यक्ति पीएम बनना चाहिए जिसमें अहंकार ना हो, परिपक्वता हो, सकारात्मक दिशा में ले जाने की क्षमता हो इसमें कोई भी हो सकता है.


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