नई दिल्ली: भारत में कोरोना के खिलाफ एक दो नहीं बल्कि पांच वक्सीन है लेकिन ज्यादातर टीकाकरण में दो ही वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन के जरिए हुआ है. रूस की वैक्सीन अभी उतनी में संख्या नहीं है, वहीं फिलहाल दो वैक्सीन पर स्तिथि साफ नहीं है. इस बात से खुश हो सकते हैं कि भारत मे पांच कोरोना वैक्सीन को इमरजेंसी यूज़ की अनुमति है लेकिन अभी ज्यादातर जोर दो ही वैक्सीन पर है जो टीकाकरण में शामिल है. 


भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड, रूस की स्पुतनिक वी, मोडर्ना की एमआरएनए वैक्सीन और जॉनसन एंड जॉनसन सिंगल डोज वैक्सीन - ये सभी कोरोना की वैक्सीन है जिसे  भारत में इमरजेंसी यूज़ ऑथराइजेशन मिल चुका है. लेकिन भारत मे चल रहे कोरोना टीकाकरण में अभी सिर्फ तीन वैक्सीन ही उपलब्ध है - कोवैक्सीन, कोविशील्ड और स्पुतनिक वी. इसमें से भी कोरोना टीकाकरण में दो ही वैक्सीन पर ज्यादा उपलब्ध है या दी गई है. 


कोरोना टीकाकरण के लिए सरकार द्वारा बनाई गए कोविन प्लेटफार्म के मुताबिक देश मे हुए कोरोना टीकाकरण में 11 अगस्त सुबह 9 बजे तक 51,89,09,855 डोज दी गई है जिसमें से सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशील्ड 45,12,80,413 डोज दी गई है, भारत बायोटेक की कोवैक्सीन 6,35,79,671 डोज दी गई जबकि स्पुतनिक की 6,01,877 डोज दी गई है. 


इन आंकड़ों से साफ है देश में चल रहे कोरोना टीकाकरण में ज्यादातर दो ही वैक्सीन दी गई, जबकि तीसरी वैक्सीन ना के बराबर है. वहीं बाकी दो वैक्सीन मोडर्ना की एमआरएनए वैक्सीन और जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन फिलहाल उपलब्ध नहीं है, ना ही ये साफ है की कब तक ये टीकाकरण के लिए उपलब्ध होगी. क्योंकि मोडर्ना को मंजूरी दिए हुए एक महीना से ज्यादा का वक़्त बीत चुका है लेकिन वैक्सीन कब तक आएगी ये साफ नहीं है. इस वैक्सीन को लेकर अभी भी बातचीत जारी है. 


नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने कहा, ''जो दूसरे बाहर के वैक्सीन है उनको भी लाने की कोशिश कर रहे है और फिर भारत में बने और वैक्सीन भी आएंगी है. बातचीत चली हुई है सारे उसके इंतज़ाम कर रहे है. जो संविदात्मक बाध्यता है, उस पर आम राय बना रहे है.''


इसी तरह जॉनसन एंड जॉनसन को हाल में मंजूरी मिली हैं लेकिन कब तक और कितनी संख्या ये वैक्सीन उपलब्ध होगी ये अभी साफ नहीं है. इसी तरह जब तक स्पुतनिक का प्रोडक्शन देश मे शुरू नहीं होता है उसकी डोज ज्यादा उपलब्ध नहीं हो पाएगी. हालांकि उम्मीद है कि जल्द स्पुतनिक का भारत मे प्रोडक्शन शुरू होगा और इस वैक्सीन के भी ज्यादा डोज मौजूद होंगी. 


जिन दो विदेशी वैक्सीन को भारत मे मंजूरी दी है वो अभी उपलब्ध नहीं है. इसलिए सिर्फ तीन ही वैक्सीन है जिनका इस्तेमाल हो रहा है. ऐसे में साफ है की कहने को भले ही पांच वैक्सीन को अनुमति मिल चुकी हो लेकिन टीकाकरण में अभी सिर्फ दो ही वैक्सीन ज्यादातर उपलब्ध है और दी जा रही है. 


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