भोपालः भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के हक की लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार का देर रात निधन हो गया. वो 62 वर्ष के थे और लंबे समय से बीमार थे. वह लंबे समय से 1984 भोपाल गैस पीड़ितों के इंसाफ की लड़ाई लड़ रहे थे और एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश सरकार ने उनके इलाज का खर्चा उठाने का एलान किया था.


अब्दुल जब्बार का भोपाल के एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था. अब्दुल जब्बार ने 'भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन' नाम की संस्था बनाई थी और इसके जरिए वो गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए काम कर रहे थे. बता दें कि तीन दिसंबर 1984 को भोपाल में यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी की फैक्ट्री से जहरीली गैस का रिसाव हुआ था जिसकी वजह से हजारों लोगों की जान चली गई थी और हजारों लोगों पर नकारात्मक असर पड़ा था और वो शारीरिक अपंगता के शिकार हो गए थे.





अब्दुल जब्बार के माता-पिता भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गंवा बैठे थे इसके साथ ही अब्दुल जब्बार पर भी इसका गहरा असर हुआ था. उनके फेफड़े और आंखें जहरीली गैस के रिसाव के असर से प्रभावित हुए थे. जो डॉक्टर अब्दुल जब्बार का इलाज कर रहे थे उन्होंने जानकारी दी थी कि वो हार्ट पेशेंट थे और इसके साथ डाइबिटीज से पीड़ित थे. गुरुवार रात हार्ट अटैक के चलते उनका निधन हो गया.


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