सोशल एक्टिविस्ट Natasha narwal को दिल्ली हाइकोर्ट से मिली जमानत, बीते दिन हुई थी पिता की मौत
दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल में बंद सोशल एक्टिविस्ट नताशा नरवाल के पिता का रविवार को निधन हो गया. वे कोरोना वायरस से संक्रमित थे. इसी बीच नताशा को दिल्ली हाईकोर्ट से तीन हफ्ते के लिए जमानत मिल गई है. दिल्ली पुलिस ने नताशा पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया है.
दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में तिहाड़ जेल में बंद सोशल एक्टिविस्ट नताशा नरवाल को दिल्ली हाइकोर्ट से जमानत मिल गई है. रविवार को नताशा के पिता की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई, जिसको देखते हुए कोर्ट ने उन्हें तीन हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आर्डर दिया है.
पिछले साल मई के महीने में नताशा को गिरफ्तार किया गया था. उनपर फरवरी, 2021 में उत्तर दिल्ली में हुए दंगों की साजिश में शामिल होने का आरोप था. पुलिस ने नताशा पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया है. नताशा के परिवार के एक सदस्य ने कहा, "नताशा के पिता उसे आखिरी समय में नहीं देख सके. वे कोरोना से पीड़ित थे. उनका बेटा आकाश भी कोरोना से पीड़ित है. आखिरी समय में वह उनके साथ था." वहीं, लेफ्ट एक्टिविस्ट और सिविल सोसाइटी के लोग कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए राजनीतिक कैदियों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं.
कविता कृष्णन ने सरकार पर जमकर साधा निशाना
सीपीआई (एम) नेता वृंदा करात ने कहा ''नताशा और उसके भाई के प्रति मेरी गहरी संवेदना है. वह बिना वजह एक साल से जेल में बंद है और उसे जल्द से जल्द रिहा करने चाहिए." वहीं, महिला अधिकारों की जानकार कविता कृष्णन ने भी सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, "नताशा नरवाल संविधान बचाने के लिए जेल में है. उनके पिता महावीर नरवाल आज कोविड से गुजर गए. हर बच्ची को काश महावीर जैसे सुन्दर, प्यारे पिता नसीब होते जिन्हें आंदोलन की सज़ा झेल रही बेटी पर गर्व था. इस क्रूर शासन ने इस अनमोल रत्न को नताशा से, हम सब से छीन लिया. नताशा को उनसे दूर रखा."
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