लॉकडाउन में गरीबों के बाल काटकर सेवा करता है ये शख्स, लोगों ने नाम रखा 'सोशल बार्बर'
मुंबई में लॉकडाउन के दौरान इस सोशल बार्बर के पास इतने फोन आते हैं कि वो परेशान हो जाते है. इन्होंने अब सोमवार का एक दिन चुना है, जब वो मुंबई के अलग-अलग स्लम ऐरिया में जाते है और जरूरतमंदो के बाल काटते हैं.
मुंबई: लॉकडाउन में जब सभी सलून बंद है तो लोगों के बाल बढ़ गए है. ऐसे में एक बार्बर ऐसा है जो मुंबई के स्लम एरिया में जाकर ऐसे लोगों के बाल काटता है जिनके पास पैसे नहीं है और जो महीनों से बाल नहीं कटवा सके हैं. इस शख्स का नाम है रवींद्र विरारी. इन्हें अब लोग सोशल बार्बर के नाम से जानते हैं.
मुंबई के भांडुप इलाके में इस सोशल बार्बर का सलून है. कुछ साल पहले रवींद्र ने मुंबई की सड़कों पर देखा कि कुछ ऐसे भिखारी हैं, जिनके बाल बहुत बढ़ गए हैं. उन्हें स्किन की बीमारी हो रही है. रवींद्र को ये बात चुभी. उन्होंने अपने बाल काटने के हुनर के माध्यम से इन लोगों की मदद करने की सोची और फिर ऐसे मजबूर लोगों के जिनके पास बाल काटने के पैसे नहीं है उनके फ्री में बाल काटने लगे. यही से शुरू हो गया इस सोशल बार्बर का मिशन.
आते हैं कई फोन
मुंबई में लॉकडाउन के दौरान इस सोशल बार्बर के पास इतने फोन आते हैं कि वो परेशान हो जाते है. इन्होंने अब सोमवार का एक दिन चुना है, जब वो मुंबई के अलग-अलग स्लम ऐरिया में जाते है और जरूरतमंदो के बाल काटते हैं. रवींद्र बताते हैं कि कई बार कुछ मानसिक रूप से बीमार लोगों का बाल काटने जब वो गए तो उनके ऊपर हमला भी हो गया.
कई बार वो इस काम के लिए मार भी खा चुके हैं, लोग उनके इस काम का मजाक भी उड़ाने लगे थे लेकिन रवींद्र ने हार नही मानी, उनकी मेहनत रंग लाई और वो सोशल बार्बर नाम से मशहूर हो गए. रवींद्र ने अपने दुकान में एक छोटी सी लाइब्रेरी भी बना रखी है. जहां लोग बाल कटाने आए और बैठना पड़े तो वो कुछ किताबें पढ़ सकते हैं.