Social Media: बदलते दौर के साथ अब जमाना भी बदल रहा है. हर किसी के पास फोन और इंटरनेट जैसी सुविधाएं मौजूद होने लगी हैं. ऐसे में अब लोग सोशल मीडिया पर भी एक्टिव होते जा रहे हैं. चाहे एक बच्चा हो या बुजुर्ग सबके फोन में आपको सोशल मीडिया एप जरूर नजर आएंगे लेकिन क्या आपको पता है कि इन ऐप पर आपकी जरा सी लापरवाही आपको आपके बेडरूम से जेल तक पहुंचा सकती है?


सोशल मीडिया पर आप कैसे खुद को सुरक्षित रखें और किसी मुसीबत में ना पड़ जाए इन सब मुद्दों पर एबीपी ने साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल से बात की तो उन्होंने बताया कि


1- जल्दबाजी से बचें


लोगों को ध्यान देना चाहिए कि किसी भी सोशल मीडिया पोस्ट को शेयर करने में जल्दबाजी ना करें. पहले देखें कि वह किस बारे में है. क्या उसे शेयर करना चाहिए? क्या ये किसी समुदाय की भावनाओं को आहात कर सकता है? क्या इससे किसी की मानहानि हो सकती है?  इन सभी चीजों को ध्यान में रख कर ही कोई पोस्ट या जानकारी सांझा करनी चाहिए.


2- पोस्ट शेयर करने से क्या होगा


आजकल फोरवर्डेड मैसेज और पोस्ट शेयर करना आम बात है लेकिन क्या आपको पता है अगर आपने किसी के पोस्ट को बिना सोचे समझे शेयर कर दिया तो क्या होगा? इस संबंध में जानकारी देते हुए पवन दुग्गल ने बताया कि मान लीजिए अगर आप किसी के पोस्ट को शेयर करते हैं ऐसे में अगर वह पोस्ट किसी भी तरह से साइबर लॉ का उल्लंघन करता है तो सरकार आईटी नियमों के आधार पर आप पर भी सिकंजा कस सकती हैं.


3- फैक्ट चेक करें


सोशल मीडिया पर मिलने वाली सभी जानकारी सही हो ऐसा जरूरी नहीं इसलिए किसी भी पोस्ट को शेयर करने से पहले फैक्ट चेक जरूर करें. इसके लिए आपको 3 चीजों पर ध्यान देना चाहिए जैसे सूचना के पीछे कौन है?  इसके सबूत क्या हैं? और इसके श्रोत क्या है? आज कल गूगल के सहारे भी फैक्ट चेक किए जाते हैं.


4- सजा का प्रावधान


भारत में साइबर कानून के लिए एक मात्र कानून है. भारतीय सूचना प्रद्योगिकी सन 2000 ये कानून भारत के तीन सबसे महत्वपूर्ण कानूनों में से एक है. इस कानून के 11 अध्याय में कुछ क्राइम को साइबर क्राइम बताया गया है जैसे किसी के अकाउंट को हैक करना. अश्लील इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट का प्रसारण करना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी देखना और उसका प्रसारण, किसी की पहचान का इस्तेमाल करना.


बता दें, भारत के आईटी नियम के अनुसार साइबर क्राइम में सजा का प्रावधान है. ये सजा 3 साल से ले कर आजीवन कारावास तक है साथ ही जुर्माने का प्रावधान एक लाख से ले कर 10 लाख रुपए तक है. सेक्शन 43 के अनुसार आप अपने डाटा के इस्तेमाल किए जाने पर हर्जाना भी मांग सकते हैं.