मुंबई: गुजरात में एनकाउंटर का चेहरा रहे डीजी वंजारा को सोहराबुद्दीन फर्जी एनकाउंटर केस में बरी कर दिया गया है. वंजारा के साथ ही राजस्थान कैडर के एक अन्य आईपीएस अधिकारी एमएन दिनेश को भी बरी किया गया. मुंबई की एक सेशन्स कोर्ट ने सबूत की कमी के आधार पर 15 आरोपीयों को बरी किया.
आपको बता दें कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इस मामले में पहले ही बरी हो चुके है.
याद रहे जमानत पर छूटने के बाद बीते साल वंजारा ने बड़े ही जोर शोर तरीक से गुजरात में एंट्री मारी थी. तब नौ साल बाद एंट्री मारी थी. जब वंजारा गुजरात पहुंचे को उनके लिए खास आयोजन किया गया जिसमें राज्य के तत्कालीन एंटी करप्शन ब्यूरो के निदेशक पी पी पांडे भी शामिल हुए. तब पांडे ने वंजारा को राजऋषि बताया था. पीपी पांडे इशरत जहां केस में आरोपी हैं. बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस केस में सितंबर 2014 में वंजारा को जमानत दी थी.
क्या है एनकाउंट केस?
सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी कौसर बी को गुजरात एटीएस ने कथित तौर पर तब अगवा किया जब वो हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे. नवंबर 2015 में गांधीनगर में सोहराबुद्दीन शेख का एनकाउंर हुआ. तब से उनकी पत्नी लापता है और माना जाता है कि उनकी मौत हो चुकी है. गैंगेस्टर सोहराबुद्दीन का साथी और इस एनकाउंटर के प्रत्यक्षदर्शी परजापति की भी दिसंबर 2016 में हत्या कर दी गई.
क्या है मामला?
15 जून 2004 को इशरत जहां समेत चार लोगों का एनकाउंटर के वक्त वंजारा गुजरात पुलिस के क्राइम ब्रांच में डीसीपी थे. सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस में वंजारा सबसे पहले 24 अप्रैल 2007 को गिरफ्तार हुए थे तब वंजारा बतौर डीआईजी बॉर्डर रेंज भुज में तैनात थे.
वंजारा बाद में तुलसी प्रजापति एनकाउंटर केस में भी आरोपी बने. दोनों केस की जांच सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी थी और दोनों केस एक साथ जोड़ दिए गए थे. सितंबर 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने सोहराबुद्दीन केस को गुजरात से महाराष्ट्र शिफ्ट कर दिया था और वंजारा समेत दर्जन भर आरोपी अहमदाबाद की जगह मुंबई की जेल में नवंबर 2012 में शिफ्ट कर दिए गए.. जून 2013 में इशरत जहां एनकाउंटर केस में सीबीआई ने वंजारा को गिरफ्तार किया हालांकि उस वक्त वो जेल में ही थे.
कौन हैं वंजारा?
1987 बैच के गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी डीजी वंजारा को सोहराबुद्दीन केस में सितंबर 2014 में हाईकोर्ट ने जमानत दी और पिछले साल इशरत जहां फर्जी एनकाउंटर केस में वंजारा को इस शर्त के साथ जमानत मिली थी कि वो गुजरात में दाखिल नहीं हो सकते. अब उन्हें सोहराबुद्दीन केस में बरी कर दिया गया है.