लखनऊ: उत्तर प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले गोरखपुर सहित यूपी के पांच शहरों को पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर आधारित कर दिया जाएगा. इतने बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा.


पहले चरण में, वाराणसी, गोरखपुर, प्रयागराज, अयोध्या और मथुरा में ग्रीन एनर्जी अभियान शुरू किया जाएगा. ये महत्वाकांक्षी परियोजना 2024 तक पूरी तरह से लागू हो जाएगी और इसके लिए ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा.


ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार की मौजूदा सौर रूफटॉप योजना के तहत पांच शहरों के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है. एक किलोवाट के सोलर रूफटॉप प्लांट वाले उपभोक्ता को प्रति वर्ष कम से कम 10,000 रुपये की बचत होगी, शर्मा ने दावा किया कि अगर उपभोक्ताओं का अधिकांश हिस्सा सौर ऊर्जा पर चला जाएगा तो सरकार को करोड़ों रुपये की बिजली सब्सिडी की बचत होगी और यह राशि औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में डायवर्ट हो जाएगी.


ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को अयोध्या, मथुरा, वाराणसी, गोरखपुर और प्रयागराज को क्लीन एंड ग्रीन एनर्जी की दिशा में मॉडल टाउन बनाए जाने के निर्देश दिए. प्रमुख धार्मिक स्थल सोलर सिटी के रूप में तब्दील हो जाएंगे. ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग की समीक्षा की. उन्होंने चरणबद्ध तरीके से 2024 तक इन शहरों को सौर ऊर्जा उत्पादन में दक्ष बनाया जाएगा. यहां घरों की छतों से 669 मेगावाट ऊर्जा का उत्पादन होगा. उन्होंने कहा कि प्रमुख धार्मिक स्थलों को सोलर सिटी बनाया जाएगा.


श्रीकांत शर्मा ने कहा कि पांच प्रमुख महानगरों में सोलर रूफ टप परियोजना का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए, जिससे चिह्न्ति किए गए उपभोक्ता योजना का लाभ ले सकें. इसके तहत तय किए गए लक्ष्य के क्रम में केंद्र सरकार द्वारा 859 करोड़ व राज्य सरकार द्वारा 473 करोड़ रुपये का अनुदान भी उपभोक्ताओं को दिया जाएगा.


यूपी का 2022 तक 10700 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी बना है. यूपी 2022 तक 10700 मेगावाट सौर ऊर्जा के उत्पादन के लक्ष्य को पूरा करेगा. इसके लिए बड़ी और मध्यम सौर ऊर्जा परियोजनाओं के साथ ही शहरी उपभोक्ताओं की भी महत्वपूर्ण भूमिका है. वह अपने घरों की छतों का उपयोग सौर ऊर्जा के उत्पादन में कर सकेंगे, जिससे उनके बिजली के बिलों में भी काफी कमी आएगी और स्वच्छ ऊर्जा लोगों के बीच सुलभ हो सकेगी.


उन्होंने निर्देश दिया कि तय किए गए लक्ष्य के अनुरूप नेडा सभी चिह्न्ति किए गए पांचों जनपदों में अभियान चलाकर घरेलू उपभोक्ताओं को सरकार की योजना से जोड़ें, जिससे अधिक से अधिक घरेलू विद्युत उपभोक्ता योजना से जुड़ें और केंद्र व राज्य सरकार के अनुदान का लाभ उठा सकें. उन्होंने निदेशक नेडा को निर्देशित किया कि प्रतिमाह वह स्वयं तय लक्ष्यों की समीक्षा करें और प्रगति से अवगत कराएं.



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