Solar Eclipse 2020 Live Updates: देश में कई जगह दिखा रिंग ऑफ फायर का नजारा, लेकिन कई जगह छाए रहे बादल
ये सूर्य ग्रहण भारत में विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न आकार-प्रकार में दिखाई देगा. आइए जानते हैं कि यह सूर्य ग्रहण रिंग ऑफ फायर के अलावा और कितने प्रकार से दिखेगा.
देश में इस समय वलयाकार सूर्यग्रहण चल रहा है लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में इस खगोलीय घटना के दीदार की चाहत रखने वालों को आसमान में छाए बादलों ने थोड़ा मायूस भी किया. वलयाकार सूर्यग्रहण में सूर्य सोने की अंगूठी जैसा नजर आता है. रविवार सुबह इसके वलयाकार चरण को देश के उत्तरी हिस्से के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सका जिनमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के इलाके शामिल हैं. इसके संकरे वलयाकार मार्ग में आने वाले कुछ प्रमुख स्थानों में देहरादून, कुरूक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा और सूरतगढ़ हैं. देश के बाकी हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया.
21 जून 2020 के बाद अगला सूर्यग्रहण इसी साल 14 या 15 दिसंबर को होगा. हालांकि, माना जा रहा है कि अगला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, एक साल में कुल पांच सूर्यग्रहण तक लग सकते हैं. हालांकि, पूर्ण सूर्यग्रहण में सूरज लगभग 90 प्रतिशत तक एक काली परत से ढ़क जाता है.पूर्ण सूर्यग्रहण को काफी दुर्लभ माना जाता है. यह 18 महीनों में सिर्फ एक बार ही होता है. पूर्ण सूर्यग्रहण को उत्तर और दक्षिण ध्रुवों से नहीं देखा जा सकता है.
दिल्ली समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में भी मंदिरों के कपाट सुबह के दर्शनों के लिए बंद कर दिए गए थे. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार सूर्य ग्रहण के दौरान ना तो मंदिरों में पूजा-पाठ या दर्शन होना चाहिए और ना ही किसी भी तरह का धार्मिक और कोई शुभ कार्य करना चाहिए. रविवार का सूर्य ग्रहण इस साल का पहला और सबसे लंबा ग्रहण है. ये दोपहर करीब 3 बजकर 5 मिनट तक चलेगा. भारत में ये 2 बजे के करीब खत्म हो जाएगा. उसके बाद ही किसी भी तरह का कार्य किया जा सकता है.
क्या आप जानते हैं पृथ्वी से सूर्य की औसत दूरी लगभग 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर अथवा 9 करोड़ 29 लाख 60 हजार मील है. पृथ्वी की सूर्य से इतनी अधिक दूरी होने के कारण ही सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक आने में 8.3 मिनट का समय लग जाता है. सूर्य का निर्माण आज से लगभग 57 अरब वर्ष पूर्व एक विशाल आण्विक बादल के टूटने से हुआ था जिसका अधिकांश भाग हाइड्रोजन और हीलियम का बना हुआ है.
नेपाल के काठमांडू में भी सूर्यग्रहण दिखाई दिया. नेपाल के बीपी कोइराला स्मारक, तारामंडल वेधशाला और विज्ञान संग्रहालय विकास बोर्ड के अनुसार सूर्य ग्रहण आज सुबह 10:52 बजे से लेकर दोपहर 2:32 बजे तक दिखाई देगा. ग्रहण की जो तस्वीर सामने आई है उसमें सूर्य पर चंद्रमा की छाया को पड़ते देखा जा सकता है.
ज्योतिषाचार्यों का मत है कि इस तरह का दुर्लभ सूर्य ग्रहण इस सदी का दूसरा और इस साल का पहला सूर्य ग्रहण है. यह सूर्य ग्रहण भारत में करीब 3 घंटे तक रहेगा. इस दौरान लोग अपने घरों में रहें. अपने भगवान को साफ़ कपड़े से ढक दें. तथा कोई भी वर्जित काम न करें. ग्रहण की समाप्ति के बाद स्नान और दान करें.
देहरादून का आसमान में सूर्य ग्रहण का अनोखा नजारा देखने को मिला. गौर से देखने पर आप पाएंगे कि चांद की छाया से सूर्य पूरी तरह ढका नजर आ रहा है. सूर्य ग्रहण एशिया, अफ्रीका, प्रशांत क्षेत्र, हिंद महासागर, यूरोप के कई हिस्सों और ऑस्ट्रेलिया में दिखाई देगा. भारत में सबसे पहले यह सूर्यग्रहण गुजरात राज्य के द्वारका में दिखाई दिया.
संयुक्त अरब अमीरात (UAE): दुबई के आसमान में सूर्यग्रहण दिखाई दिया. सूर्यग्रहण को आप आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं शोध संस्थान (एरीज) के फेसबुक पेज और ज़ूम ऐप पर घर बैठे लाइव देख सकते हैं. कोई भी व्यक्ति इस सूर्यग्रहण को नंगी आंखों से न देखे. नासा के अनुसार, इस दुर्लभ सूर्यग्रहण को देखने के लिए सोलर फिलटर ग्लास वाले चश्मे का ही प्रयोग करें. एक्स-रे शीट या फिर साधारण चश्मे से इस सूर्यग्रहण को न देखें. इससे आपकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है.
राजस्थान: जयपुर के आसमान में #SolarEclipse2020 दिखाई दिया. यहां पर सूर्य ग्रहण दोपहर 1:44बजे तक दिखाई देगा. ग्रहण को पूरी तरह से 11:55 पर देखा जा सकेगा. यह एशिया, अफ्रीका, प्रशांत, हिंद महासागर, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कुछ हिस्सों से दिखाई देगा. आज के बाद अगला सूर्यग्रहण इसी साल 14 या 15 दिसंबर को होगा. हालांकि, माना जा रहा है कि अगला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, एक साल में कुल पांच सूर्यग्रहण तक लग सकते हैं.
राजधानी दिल्ली से भी ग्रहण की तस्वीर सामने आई है. दिल्ली में बादलों की वजह से ग्रहण पूरी तरह दिखाई नहीं दे रहा है पर चंद्रमा की हल्की छाया सूर्य पर देखी जा सकती है.सूर्य बाएं तरफ से थोड़ा कटा हुआ नजर आ रहा है.
राजधानी दिल्ली से भी ग्रहण की तस्वीर सामने आई है. दिल्ली में बादलों की वजह से ग्रहण पूरी तरह दिखाई नहीं दे रहा है पर चंद्रमा की हल्की छाया सूर्य पर देखी जा सकती है.सूर्य बाएं तरफ से थोड़ा कटा हुआ नजर आ रहा है.
अहमदाबाद के बाद नोएडा से भी ग्रहण की तस्वीर सामने आई है. इसमें सूर्य वलयाकार नजर आ रहा है. 21 जून के बाद अगला सूर्यग्रहण इसी साल 14 या 15 दिसंबर को होगा. हालांकि, माना जा रहा है कि अगला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, एक साल में कुल पांच सूर्यग्रहण तक लग सकते हैं.
अहमदाबाद के बाद नोएडा से भी ग्रहण की तस्वीर सामने आई है. इसमें सूर्य वलयाकार नजर आ रहा है. 21 जून के बाद अगला सूर्यग्रहण इसी साल 14 या 15 दिसंबर को होगा. हालांकि, माना जा रहा है कि अगला सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, एक साल में कुल पांच सूर्यग्रहण तक लग सकते हैं.
सूर्यग्रहण की शुरुआत हो चुकी है. गुजरात के अहमदाबाद से ग्रहण की तस्वीर सामने आई है. सूर्य पर चंद्रमा की छाया को पड़ते देखा जा सकता है. आप ध्यान से देखें तो पाएंगे सूर्य ऊपर की तरफ से थोड़ा कटा हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, वो कटा हुआ नहीं बल्कि चांद की छाया है.
सूर्यग्रहण की शुरुआत हो चुकी है. गुजरात के अहमदाबाद से ग्रहण की तस्वीर सामने आई है. सूर्य पर चंद्रमा की छाया को पड़ते देखा जा सकता है. आप ध्यान से देखें तो पाएंगे सूर्य ऊपर की तरफ से थोड़ा कटा हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, वो कटा हुआ नहीं बल्कि चांद की छाया है.
सूर्यग्रहण की शुरुआत हो चुकी है. गुजरात के अहमदाबाद से ग्रहण की तस्वीर सामने आई है. सूर्य पर चंद्रमा की छाया को पड़ते देखा जा सकता है. आप ध्यान से देखें तो पाएंगे सूर्य ऊपर की तरफ से थोड़ा कटा हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, वो कटा हुआ नहीं बल्कि चांद की छाया है.
सूर्य ग्रहण का सूतक काल लग चुका है और दिल्ली के सभी मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. अब यह कपाट सूर्य ग्रहण के खत्म होने के बाद ही खुलेंगे. दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में सूतक काल लगने से पहले मंदिर के अंदर पूजा पाठ और आरती की गई और उसके बाद सूतक काल लगते ही मंदिर के कपाट पूरी तरह से बंद कर दिए गए. अब किसी को भी मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है, ना ही कोई अंदर जाकर दर्शन कर सकता है. जब तक सूर्य ग्रहण रहेगा मंदिरों के कपाट भी बंद रहेंगे. सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद ही कपाट दोबारा से खोले जाएंगे और उसके बाद ही श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन और पूजा करने जा सकते हैं.
आज होने वाले अनूठे सूर्यग्रहण को आप आर्यभट्ट प्रेक्षण एवं शोध संस्थान (एरीज) के फेसबुक पेज और ज़ूम ऐप पर घर बैठे लाइव देख सकते हैं. एरीज के निदेशक डॉक्टर दीपांकर बनर्जी ने बताया है कि वलयाकार सूर्यग्रहण को फेसबुक पेज पर लाइव दिखाने के लिए एरीज ने सभी तैयारियां कर ली हैं.
दुनिया की बात करें तो यह ग्रहण भारत, नेपाल, पाकिस्तान, यूएई, इथोपिया और कांगो में दिखाई देगा. भारत में हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान के कुछ शहरों में वलयाकार सूर्यग्रहण देखने को मिलेगा. वहीं जयपुर, दिल्ली, चंडीगढ़, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, चेन्नई, शिमला और लखनऊ जैसे शहरों में आंशिक सूर्यग्रहण ही दिखाई देगा.
सूर्य ग्रहण एक ऐसी खगोलीय घटना है जो हर किसी को प्रभावित करती है. ये सूर्य ग्रहण बेहद शक्तिशाली है. इस दिन सूर्य ग्रहण के अतिरिक्त कई घटनाएं घटित हो रही है. इस दिन साल का सबसे बड़ा दिन भी है. यानि इस दिन, रात छोटी और दिन बड़ा होगा. पंचांग के अनुसार इस दिन सूर्योदय प्रात: 5 बजकर 24 मिनट पर होगा वहीं शाम 7 बजकर 22 मिनट पर सूर्य अस्त होगा. इस तरह आज यानि 21 जून, 2020 रविवार साल का सबसे बड़ा दिन होगा.
भौतिक विज्ञान के अनुसार जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चन्द्रमा आ जाता है तो चन्द्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, उसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है. इसी प्रक्रिया के दौरान कभी-कभी चांद, सूरज और धरती के बीच आ जाता है. फिर वह सूरज की कुछ या सारी रोशनी रोक लेता है इसी घटना को सूर्य ग्रहण कहा जाता है.
सूर्यग्रहण के चलते केदारनाथ धाम के कपाट बंद हो गए हैं. ग्रहण के चलते केदारनाथ धाम में 16 घंटे तक पूजा पाठ बंद रहेगा. मंदिर के कपाट दोपहर बाद फिर खुलेंगे . करीब 6 घंटे तक लगाने वाले अद्भुत सूर्य ग्रहण की इसकी लंबी अवधि की वजह से भारत में ही नहीं पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है. ग्रहण लगने से पहले सूतक काल शुरू हो चुका है.
बैकग्राउंड
नई दिल्ली: आज लगने वाला चूड़ामणि योग युक्त सूर्य ग्रहण इस साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण है. जो देश के करीब – करीब सभी हिस्सों में दिखाई देगा लेकिन उसका आकार- प्रकार अलग-अलग स्थानों पर अलग होगा. कहीं पर यह आंशिक रूप में दिखेगा तो कहीं यह वलयाकार तो कहीं कंकणाकृति. आइये सूर्य ग्रहण के आकार के बारे में विस्तार से जानने के पहले यह जान लें कि सूर्य ग्रहण कैसे लगता है.
सूर्य ग्रहण कैसे लगता है?
चंद्रमा जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में आ जाता है तो सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुँच पाता है जिससे पृथ्वी पर अँधेरा हो जाता है. इस स्थिति को सूर्य ग्रहण कहते हैं.
खगोलीय घटनाएं
वैसे तो यह खगोलीय घटनाएँ (ग्रहण) दो प्रकार की होती हैं-सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण. इन दोनों आकाशीय घटनाओं में सूर्यग्रहण की घटना का प्रभाव पृथ्वी पर सबसे अधिक पड़ता है. इस प्रभाव की जानकारी का उल्लेख हमें वैदिक काल में भी मिलता है. वैदिक काल की मान्यता के अनुसार सूर्यग्रहण पृथ्वी पर रहने वाले जीव-जन्तुओं के लिए एक चेतावनी का संकेत होता है
वलयाकार सूर्यग्रहण
जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच में पृथ्वी से काफी दूर हो जाता है तो उसका आकार इतना नहीं दिखता कि वह सूर्य को पूरी तरह ढक ले. ऐसी स्थिति में चन्द्रमा की छाया सूर्य के केवल मध्य भाग पर ही पड़ती है जबकि सूर्य के किनारे प्रकाशमान रहते हैं. सूर्य के किनारे का यह प्रकाशमान भाग पृथ्वी से देखेने पर एक रिंग की तरह दिखाई पड़ता है. जो कि अत्यंत चमकीला होता है जिसे रिंग ऑफ फायर या कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहते है. चूँकि सूर्य के चारों तरफ के किनारे का चमकीला भाग एक वलय की आकृति की तरह बनता है. इस लिए इसे वलयाकार सूर्यग्रहण भी कहते हैं.
पूर्ण सूर्यग्रहण
जब चंद्रमा पृथ्वी के निकट होता है और सूर्य तथा पृथ्वी के बीच में आता है तो चंद्रमा सूर्य को पूर्ण रूप से ढक लेता हैं. ऐसी स्थिति में सूर्य का प्रकाश पृथ्वी पर नहीं पहुँच पता है. इसे पूर्ण सूर्यग्रहण कहते है.
आंशिक सूर्यग्रहण
चंद्रमा जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में इस तरह से आता है कि वह सूर्य का कुछ अंश ही ढक पाता है. अर्थात सूर्य को पूरी तरह से नहीं ढक पाता है. ऐसी स्थिति को आंशिक सूर्य ग्रहण कहते हैं.
सूर्य ग्रहण का समय
यह सूर्य ग्रहण विक्रम संवत् 2077 शाके 1942, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि, दिन रविवार, तारीख 21 जून 2020 को लगेगा. सार्वभौमिक परिदृश्य में यह सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार सुबह 9 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगा और 3 बजकर 5 मिनट पर खत्म होगा. लेकिन भारत में यह सूर्य ग्रहण सुबह 10 बजकर 13 मिनट और 52 सेकण्ड से शुरू होकर दोपहर 01 बजकर 29 मिनट और 52 सेकण्ड तक रहेगा. देश के अलग–अलग भागों में यह अलग–अलग समय पर दिखाई पड़ेगा.
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