नई दिल्लीः कोरोना काल में रविवार 21 जून को लगने वाला सूर्य ग्रहण इस साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण होगा. सूर्य ग्रहण सुबह 9:15 बजे लगेगा और तकरीबन दोपहर 3:04 मिनट तक रहेगा. सूर्यग्रहण से तकरीबन 12 घन्टे पहले सूतक काल लग जाता है. सूतक काल में सभी शुभ कार्य करने को मना किया जाता है. सूतक में पूजा- पाठ भी नहीं किया जाता है और मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं.


मंदिरों के कपाट हुए बंद


रविवार को होने वाले सूर्य ग्रहण का सूतक काल लग चुका है और दिल्ली के सभी मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए गए हैं. अब यह कपाट सूर्य ग्रहण के खत्म होने के बाद ही खुलेंगे.


दिल्ली के झंडेवालान मंदिर में सूतक काल लगने से पहले मंदिर के अंदर पूजा पाठ और आरती की गई और उसके बाद सूतक काल लगते ही मंदिर के कपाट पूरी तरह से बंद कर दिए गए. अब किसी को भी मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं है, ना ही कोई अंदर जाकर दर्शन कर सकता है. जब तक सूर्य ग्रहण रहेगा मंदिरों के कपाट भी बंद रहेंगे. सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद ही कपाट दोबारा से खोले जाएंगे और उसके बाद ही श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन और पूजा करने जा सकते हैं.


सूतक काल में सावधानियां जरूरी


झंडेवालान मंदिर के आचार्य महावीर जी ने बताया, "सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचने के लिए सूर्य ग्रह के बीच मंत्र का जप करना चाहिए. इससे आपके ऊपर ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ेगा. कोई भी खाना-पीना इत्यादि सभी वर्जित होता है. जब ग्रहण काल होता है तो सब चीजें प्रदूषित हो जाती हैं. सूतक काल से सूर्य ग्रहण तक बेहद खास सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. खास तौर पर  गर्भवती महिलाओं को विशेष ध्यान देना होता है."


सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखने के लिए मना किया जाता है. सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए. सूर्य के किनारे का हिस्सा पृथ्वी से देखने पर एक रिंग की तरह दिखाई देगा, जो कि बेहद चमकीला होता है. जिसे 'रिंग ऑफ फायर' कहते है.


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