Solar Eclipse News: दुनिया के एक हिस्से में सोमवार (8 अप्रैल) को सूर्य ग्रहण लगने वाला है. इस बार लग रहा ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण है. दुनियाभर में सूर्य ग्रहण को लेकर खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. भारत में भी लोग सूर्य के साथ होने वाली इस घटना को लेकर उत्साहित हैं. हालांकि, भारत समेत एशिया के लोग सूर्य ग्रहण नहीं देख पाएंगे, लेकिन अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा इस खगोलीय घटना की लाइव स्ट्रीमिंग करेगी, जहां पर सूर्य को गायब होते हुए देखा जा सकेगा.
उत्तर अमेरिका के देशों जैसे अमेरिका, कनाडा और मैक्सिको में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. इसके अलावा प्रशांत महासागर में मौजूद कुछ द्वीपीय देशों के लोग भी इस खगोलीय घटना के गवाह बनेंगे. भारतीय समय के मुताबिक, सूर्य ग्रहण 8 अप्रैल की रात 9.13 बजे से लेकर मध्य रात्रि 2.23 बजे तक लगने वाला है. अमेरिका में ये घटना स्थानीय समय के मुताबिक 2.15 बजे शुरू होगी. पूर्ण सूर्य ग्रहण की अवधि 5 घंटे 10 मिनट की रहेगी.
सूर्य ग्रहण से जुड़े 10 फैक्ट्स
- चंद्रमा के पृथ्वी और सूर्य के बीच आने की वजह से सूर्य ग्रहण लगता है. इस दौरान सूर्य की रोशनी पृथ्वी पर सीधे आने के बजाय चंद्रमा पर पड़ती है, जिसकी वजह से चांद की छाया पृथ्वी पर आती है और यहां से लोगों को सूर्य दिखाई नहीं देता है. ऐसा लगता है कि जैसे सूर्य गायब हो गया.
- प्राचीन ग्रीस की पौराणिक कहानियों के अनुसार, सूर्य ग्रहण को अपशकुन माना जाता था, क्योंकि लोगों को लगता था कि देवताओं ने क्रोध में आकर सूर्य को गायब कर दिया है. सूर्य ग्रहण को लेकर ग्रीक में 'एक्लिप्सिस' (ekleipsis) शब्द सामने आया, जिसका मतलब त्याग देना था.
- सौरमंडल में पृथ्वी एकमात्र ऐसा ग्रह है, जहां एकदम परफेक्ट पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है. इसकी वजह पृथ्वी का आकार और सूर्य-चंद्रमा से उसकी सटीक दूरी है. किसी भी अन्य ग्रह के चांद का आकार हमारे चंद्रमा की तरह नहीं है, जिसकी वजह से उन ग्रहों पर पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं लग पाता है.
- नासा वैज्ञानिक रिचर्ड वोन्ड्राक ने बताया कि आज से 60 करोड़ साल पृथ्वी पर आखिरी बार पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा. पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के एक लाइन में आने पर पूर्ण सूर्य ग्रहण लगता है, लेकिन हर साल पृथ्वी और चांद के बीच दूरी 1.5 इंच बढ़ रही है. इसकी वजह से आने वाली सदियों में ये घटना कम हो जाएगी.
- मैक्सिको में 4.28 मिनट के साथ सबसे लंबे समय तक सूर्य ग्रहण लगने वाला है. आखिरी बार इससे ज्यादा लंबा सूर्य ग्रहण जुलाई 2010 में चिली में लगा था. हालांकि, 2027 में मिस्र में सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने वाला है, जिसकी अवधि 6.23 मिनट होगी.
- हर 18 साल, 11 दिन और 8 घंटे बाद सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक समान लाइन में आते हैं, जिससे सूर्य ग्रहण लगता है. इसका मतलब हुआ कि जिस तरह का सूर्य ग्रहण इस बार लग रहा है, ऐसी घटना दोबारा बिल्कुल इसी समानता के साथ 20 अप्रैल, 2042 को देखने को मिलेगी.
- उत्तर अमेरिका में आखिरी बार पूर्ण सूर्य ग्रहण 21 अगस्त, 2017 को लगा था. सात साल पहले ये अमेरिका के ओरेगन से लेकर साउथ कैरोलिना राज्य तक देखा गया था. अगली बार यहां पर 20 साल बाद 23 अगस्त, 2044 को पूर्ण सूर्य ग्रहण लगेगा.
- पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य के सबसे बाहरी हिस्से, जिसे कोरोना के तौर पर जाना जाता है, को देखने को मौका मिलता है. सूरज की चमकीली रोशनी की वजह से नंगी आंखों से कोरोना को देखना मुश्किल होता है. हालांकि, पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान जब चंद्रमा रोशनी को पृथ्वी तक आने से रोकता है तो ये नजर आने लगता है.
- सूर्य ग्रहण के दौरान लोगों को पृथ्वी से ही सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति और पृथ्वी की जुड़वा बहन शुक्र को देखने का मौका मिलेगा. पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान सूरज से 30 डिग्री उत्तर-उत्तर पूर्व में बृहस्पति 10 मिनट तक चमकता हुआ नजर आएग, जबकि शुक्र ग्रह को कुछ मिनटों के लिए देखा जा सकेगा.
- उत्तर अमेरिका में पूर्ण सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से देखा जा सकेगा. इस खगोलीय घटना को देखने के लिए टेलीस्कोप की जरूरत नहीं पड़ेगी. हालांकि, लोगों को नंगी आंखों से इसे देखने से पहले सुरक्षा वाले चश्मे लगाने होंगे.
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