नई दिल्ली: आज पूरी दुनिया ने साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण देखा. देख के आज करीब सभी प्रमुख शहरों में सूर्य ग्रहण देखने को मिला. इस सूर्य ग्रहण के समय आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या थी. सूर्य ग्रहण अमावस्या के दिन पड़ता है, जब चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और तीनों एक सीध में होते हैं. सूर्य ग्रहण अब खत्म हो चुका है.


सूर्यग्रहण भारत के लगभग 66 शहरों में दिखाई पड़ा. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में इस खगोलीय घटना के दीदार की चाहत रखने वालों को आसमान में छाए बादलों ने थोड़ा मायूस भी किया.


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देश के हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया


वलयाकार सूर्यग्रहण में सूर्य सोने की अंगूठी जैसा नजर आता है. सूर्यग्रहण सुबह 10 बजकर 19 मिनट पर शुरू हुआ और करीब दोपहर तीन बजे खत्म हुआ. रविवार सुबह इसके वलयाकार चरण को देश के उत्तरी हिस्से के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सका जिनमें राजस्थान, हरियाणा और उत्तराखंड के इलाके शामिल हैं. इसके संकरे वलयाकार मार्ग में आने वाले कुछ प्रमुख स्थानों में देहरादून, कुरूक्षेत्र, चमोली, जोशीमठ, सिरसा और सूरतगढ़ हैं. देश के बाकी हिस्सों में सूर्यग्रहण आंशिक रूप से देखा गया.


दुनिया के अन्य जिन हिस्सों में पूर्ण सूर्यग्रहण दिखा उनमें कांगो, सूडान, इथियोपिया, यमन, सऊदी अरब, ओमान, पाकिस्तान, नेपाल और चीन हैं.





दिल्ली में नेहरू तारामंडल की निदेशक एन रत्नाश्री ने कहा कि अगला पूर्ण सूर्यग्रहण दिसंबर 2020 में दक्षिण अमेरिका से देखा जा सकेगा. 2022 में भी एक सूर्यग्रहण पड़ेगा, लेकिन भारत से इसे मुश्किल से ही देखा जा सकेगा.


पूर्ण या वलयाकार सूर्य ग्रहण तब पड़ता है चंद्रमा पूरी तरह सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है और परिणामस्वरूप, चंद्रमा के चारों ओर सूर्य का बाहरी हिस्सा दिखता रहता है, जो एक अंगूठी का आकार ले लेता है. यह ‘अग्नि-वलय' की तरह दिखता है जिसे ‘रिंग ऑफ फायर’ भी कहते हैं.


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