Jammu Kashmir News: शहीद सेना के जवान शाकिर मंजूर का उनके पैतृक गांव रेशीपोरा शोपियां में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. आतंकवादियों के जरिए अपहरण के 416 दिनों के बाद इनका शव मिला था. जीओसी विक्टर फोर्स मेजर जनरल रिशम बाली सहित शीर्ष सैन्य अधिकारी उन लोगों में शामिल थे, जिन्होंने सैनिक शाकिर मंजूर को उनके पैतृक स्थान पर श्रद्धांजलि दी. समारोह का आयोजन एक स्थानीय मैदान में किया गया, जहां जवान के अंतिम संस्कार में सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया.


शाकिर का क्षत-विक्षत शव कल मिला था और उसके परिवार ने उसकी पहचान की, जबकि पुलिस पहचान की पूरी पुष्टि के लिए डीएनए परीक्षण के लिए गई है. 2 अगस्त 2020 को शाकिर (24) भारतीय सेना की प्रादेशिक सेना इकाई की 162 बटालियन के साथ ईद मनाने के लिए रेशीपोरा शोपियां में घर आया था. वह अपनी कार में वापस पास के एक सैन्य शिविर में जा रहा था, जहां वह लापता होने पर तैनात था. अगले दिन जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि शाकिर की जली हुई कार पड़ोसी कुलगाम जिले में मिली थी और ऐसा संदेह जताया गया था कि सैनिक का अपहरण आतंकवादियों द्वारा किया गया है. सर्च ऑपरेशन जारी है.


डीएनए सैंपलिंग का फैसला


वहीं आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने शव के मिलने और पहचान की पुष्टि करते हुए कहा था कि शव को पहचान से परे विघटित कर दिया गया था, लेकिन उसकी पहचान सैनिक के पिता मंजूर अहमद ने बालों और पैर के आधार पर की थी. हालांकि, कानूनी दायित्वों को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग कराने का फैसला किया है कि शव शाकिर का है या नहीं. अधिकारी ने कहा, 'डीएनए परीक्षण से निश्चित रूप से पता चल जाएगा कि शव शाकिर का है या नहीं.'


बुधवार को दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के मोहम्मदपोरा इलाके में एक बाग से क्षत-विक्षत शव बरामद किया गया था. उन्होंने कहा कि लाश को बीएसएनएल टावर के पास एक चादर (नीले रंग के तिरपाल) में लपेटा गया था और यह इस हद तक विघटित हो गया था कि खोपड़ी पूरी तरह से उजागर हो गई थी और कुछ हिस्सों में ही मांस बचा था.


यह भी पढ़ें:
Jammu Kashmir News: आतंकियों से संबंध रखने के आरोप में जम्मू-कश्मीर के छह सरकारी कर्मचारी बर्खास्त
जम्मू कश्मीर के कुलगाम से बरामद हुआ अज्ञात शव, परिवार का दावा- मिली बॉडी सेना के जवान की है