LAC पर चीन के साथ-साथ कोरोना से भी लड़ रहे हैं सैनिक, सभी सावधानियों पर दिया जा रहा ध्यान
पूर्वी लद्दाख में बड़ी तादाद में चीन से मुकाबले के लिए सैनिक तैनात है. वहीं कोरोना को लेकर भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क है.
लद्दाख: एलएसी पर चीन का मुकाबला करने के साथ-साथ भारतीय सेना कोरोना से भी लड़ रही है. क्योंकि पूर्वी लद्दाख में बड़ी तादाद में देश के अलग-अलग हिस्सों से सैनिक तैनाती के लिए पहुंच रहे हैं. लेकिन भारतीय सेना कोरोना को लेकर पूरी तरह सतर्क है.
क्या है कोरोना के खिलाफ भारतीय सेना की तैयारी, ये जानने के लिए एबीपी न्यूज की टीम पहुंची मिलिट्री ट्रांसजिशन फैसेलिटी जहां बड़ी संख्या में सैनिक पहुंच रहे हैं. आपको बता दें कि अब तक थलसेना में करीब 17 हजार कोरोना का केस सामने आ चुके हैं और 32 सैनिक कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.
एबीपी न्यूज की टीम जब पूर्वी लद्दाख के एक फॉरवर्ड एयरबेस पर पहुंची तो वहां वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर और आईएल76 जैसै मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट में बड़ी तादाद में सैनिक पहुंच रहे थे. विमान से उतरने वाले सभी सैनिकों और सैन्य अफसरों के चेहरे पर मास्क लगे थे. एयरक्राफ्ट से उतरने के बाद सभी सैनिक कतार में खड़े थे तो तब भी सोशल डिस्टेंशिंग का खास ख्याल रख जा रहा था. सभी की गिनती करने और दस्तावेज चैक करने के बाद उन्हें वहां से करीब ही बने मिलिट्री ट्रांजेशन फैसेलिटी (एमटीएफ) पहुंचा जाता है.
एमटीएफ यानि मिलिट्री ट्रांजेशन फैसेलिटी दरअसल एयरबेस का टर्मिनल होता है ठीक वैसे ही जैसाकि सिविल एयरपोर्ट का टर्मिनल होता है. यहां सभी सैनिकों को सबसे पहले एक कतार में बिठाया जाता है और एक एककर सभी की कोरोना के लिए थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है. थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही सैनिकों को लेह स्थित ट्रांजिट कैंप भेजा जाता है. एमटीएफ टर्मिनल पर जगह जगह कोरोना को लेकर बचाव के पोस्टर चिपके हैं.
सैनिकों के लगेज यानि बैग इत्यादि जैसे सामान का एमटीएफ पर पहुंचने पर सैनेटाइज़ करने के बाद ही आगे भेजा जाता है. जानकारी के मुताबिक, पूर्वी लद्दाख की हर यूनिट और छावनी में कोरोना को लेकर कड़े प्रोटोकॉल हैं. छावनी के बाहर ही डॉक्टर और नर्सिंग अस्सिटेंट एक बार फिर से उनका थर्मल स्क्रीनिंग होता है और फिर फॉरवर्ड लोकेशन भेजा जाता है.
हालांकिं फॉरवर्ड लोकेशन पर सोशल डिस्टेंशिग बेहद मुश्किल हो जाता है लेकिन फिर भी सभी सैनिकों को सख्त हिदायत है कि किसी भी सैनिक को अगर जरा भी कोरोना लक्षण हों तो उसकी जानकारी तुरंत अपने सीनियर अधिकारी या फिर एएमसी यानि आर्मी मेडिकल कोर को दें.
आपको बता दें कि बुधवार को ही रक्षा राज्यमंत्री श्रीपद नाईक ने एक लिखित सवाल से जवाब में लोकसभा को बताया था कि अब तक थलसेना के 16758 सैनिक कोरोना की चपेट में आ चुके हैं. साथ ही 32 सैनिकों की कोरोना के चलते मौत भी हो चुकी है. वायुसेना के 1356 एयरमैन अबतक इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं जबकि नौसेना में ये आंकड़ा 1716 का है. वायुसेन में अबतक 03 एयरमैन की मौत हो चुकी है जबकि नौसेना में ये आंकड़ा निल है.
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