दिल्ली बार एसोसिएशनों की चेतावनी, 'सुप्रीम कोर्ट विवाद को 10 दिन में सुलझाएं नहीं तो जनता के बीच जाएंगे'
12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस जोसेफ कुरियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और केस का रोस्टर बनाने और सुप्रीम कोर्ट में अनियमितताओं को लेकर चीफ जस्टिस पर सवाल उठाया था.
नई दिल्ली: दिल्ली डिस्ट्रिक्ट कोर्ट बार एसोसिएशनों की एक कोऑर्डिनेटिंग कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया मामलें को दस दिन में सुलझाने की चेतावनी दी है. कमेटी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट से जुड़ा संकट अगर 10 दिन के अंदर नहीं सुलझता हैं तो हमें लोगों के बीच जाना होगा. साथ ही कमेटी ने शीर्ष न्यायालय के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के प्रेस कांफ्रेस को भी दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.
दिल्ली की छह जिला अदालतों के वकीलों की कोऑर्डिनेटिंग कमेटी(समन्वय समिति) ने एक बैठक में यह प्रस्ताव पारित किया है. कमेटी ने कहा कि न्यायापालिका में इस तरह के विवादों का हल करने के लिए एक आतंरिक तंत्र विकसित किया जाना चाहिए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए संसद में एक न्यायिक जवाबदेही विधेयक लाया जाना चाहिए.
जज लोया के बेटे ने पिता की मौत की जांच से किया इनकार, कहा- 'किसी पर कोई शक नहीं'कमेटी के अध्यक्ष महावीर शर्मा ने कहा, ‘‘हम यह चाहते हैं कि मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) को न्यायालय को सुव्यवस्थित रखना चाहिए और चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों की शिकायतें सीजेआई द्वारा फौरन दूर की जानी चाहिए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सुप्रीम कोर्ट के चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों के प्रेस कांफ्रेंस करने के फैसले की भी निंदा करते हैं. उन्हें एक अंदरूनी विषय को लोगों के बीच नहीं लाना चाहिए था. उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन या उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ वकीलों या राष्ट्रपति का रूख करना चाहिए था’’ कमेटी ने कहा कि वे इस मुद्दे पर देश भर के बार एसोसिएशनों के साथ चर्चा करेंगे. कमेटी ने 10 दिनों में सुप्रीम कोर्ट के संकट का हल नहीं होने की स्थिति में लोगों के बीच जाने की चेतावनी भी दी.
कमेटी ने कहा कि भारत के लोगों का इस पवित्र न्याय संस्था में काफी आस्था है और इस आस्था को हमें बनाए रखना चाहिए. कमेटी ने यह भी कहा कि किसी भी कीमत पर न्यायिक अनुशासन कायम रखा जाना चाहिए.
अब 4 पूर्व जजों ने चीफ जस्टिस को लिखी चिट्ठी, 'केस के आवंटन पर नियम बनाने की दी सलाह'कोऑर्डिनेटिंग कमेटी के प्रवक्ता नीरज ने कहा, ‘‘हम सीजेआई और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों से अनुरोध करते हैं कि वे शीर्ष न्यायालय को सुव्यस्थित रखें.’ उन्होंने कहा कि यह कमेटी किसी राजनीतिक दल या नेता से संबद्ध नहीं रखती है.
हालांकि नई दिल्ली डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के प्रेस कांफ्रेंस को राजनीति से प्रेरित बताया है. उन्होंने कहा, ‘‘सीपीआई नेता डी राजा की चार न्यायाधीशों में से एक से मिलना इस ओर इशारा करता है कि जजों का प्रेस कांफ्रेंस राजनीति से प्रेरित था. सीजेआई को इस बात पर बहुत पहले ध्यान देना चाहिए था. ’’
बता दें कि 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के चार जजों जस्टिस चेलमेश्वर, जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एमबी लोकुर और जस्टिस जोसेफ कुरियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और केस का रोस्टर बनाने और सुप्रीम कोर्ट में अनियमितताओं को लेकर चीफ जस्टिस पर सवाल उठाया था.