Shraddha Murder Case: श्रद्धा वाकर हत्याकांड इन दिनों सुर्खियों में है. आरोपी आफताब ने कबूल किया है कि उसने इस साल मई में श्रद्धा की हत्या कर उसकी लाश के 35 टुकड़े करके उन्हें फ्रीज में रखा और एक एक करके छतरपुर के जंगल में फेंका. यह पहली वारदात नहीं है जब प्यार, इकरार और तकरार के बाद हुए मर्डर ने पूरे देश को हिला दिया हो. आपको बताते हैं कि प्यार के टुकड़े कर देने वाली तीन दर्दनाक कहानियां ...


अनुपमा गुलाटी हत्याकांड – 17 अक्टूबर 2010


आफताब की फोन की सर्च हिस्ट्री से पता चला है कि उसने श्रद्धा की हत्या करने से पहले अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के बारे में पढ़ा था. अनुपमा के पति राजेश गुलाटी ने उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर लाश के 72 टुकड़े कर डीप फ्रीजर में रख दिए थे. अपनी बहन का कोई हाल-चाल न मिलने पर जब भाई सूरज दिल्ली से देहरादून पहुंचा तो जघन्य हत्याकांड का खुलासा हुआ.




अनुपमा ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश से लव मैरिज की थी. चार्जशीट के मुताबिक अनुपमा और राजेश गुलाटी के बीच अक्सर झगड़े होते थे और हत्या वाले दिन भी झगड़े के बाद बेड के कोने पर अनुपमा का सिर लग गया था. इसके बाद राजेश ने अनुपमा के मुंह पर तकिया रखकर हत्या कर दी थी. हत्या के वक़्त गुलाटी दंपत्ति के दोनों बच्चे महज़ 4 साल के थे. राजेश अभी जेल में है.


नैना साहनी हत्याकांड/तंदूर कांड – 2 जुलाई 1995


यूथ कांग्रेस के पूर्व नेता सुशील ने अपनी पत्‍नी नैना को किसी से फोन पर बात करते हुए देखा. सुशील को देखते ही नैना ने फोन काट दिया और सुशील ने वही नंबर डायल किया तो दूसरी तरफ उसका सहपाठी करीम मतबूल था. इससे गुस्साए सुशील ने नैना साहनी की हत्या कर दी और उसकी लाश के टुकड़े कर अपने ही रेस्टोरेंट के तंदूर में जलाने लगा.


इस काम में उसका रेस्टोरेंट मैनेजर भी उसकी मदद कर रहा था. लाश जलाने के दौरान तंदूर से आग की लपटें निकलते देख बाहर सब्जी बेचने वाली औरत चीख उठी और पेट्रोलिंग कर रहे पुलिस वालों के सामने पूरे मामले का पर्दाफाश हो गया. पुलिस पहुंची तो नैना की लाश बुरी तरह जली हुई फर्श पर पड़ी हुई थी.


बेलारानी दत्ता मर्डर केस – 31 जनवरी 1954


कोलकाता में एक स्वीपर को टॉयलेट के पास अखबार में लिपटा पैकेट मिला. उसने अखबार पर खून के छींटे दिखे और पैकेट से निकली इंसानी अंगुली भी देखी. पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू हुई तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ. बीरेन नाम के एक युवक का बेलारानी और मीरा नाम की महिलाओं से संबंध था. मिलने में देरी होती तो दोनों महिलाएं उससे सवाल पूछती थीं और बीरेन परेशान हो जाता.


इन सब के बीच ही बेलारानी ने बीरेन को बताया कि वह प्रेग्नेंट है. परेशान बीरेन ने गुस्से में बेलारानी को मार डाला और उसके शरीर को टुकड़ों में काट डाला. बीरेन ने घर की आलमारी में शरीर के टुकड़ों को रख दिया और दो दिन तक सोता रहा. बाद में बेलारानी के शरीर के टुकड़ों को उसने शहर के अलग-अलग हिस्सों में फेंक दिया. मामले में दोषी पाए जाने के बाद बीरेन को फांसी की सजा दी गई थी.


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