Ladakh: 19 दिन से भूख हड़ताल कर रहे सोनम वांगचुक को मिला KDA का साथ, कारगिल में शुरू की हंगर स्ट्राइक
Sonam Wangchuk: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से उठ रही है. सोनम वांगचुक इसके लिए भूख हड़ताल कर रहे हैं. अब केडीए ने भी स्ट्राइक शुरू की है.
KDA Hunger Strike: लद्दाख के सामाजिक कार्यकर्ता और पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक पिछले 6 मार्च से लेह में भूख हड़ताल पर हैं. वह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा दिए जाने और संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं. रविवार (24 मार्च) को कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने भी कारगिल में विरोध प्रदर्शन किया और भूख हड़ताल शूरू की.
बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ लद्दाख की एपेक्स बॉडी लेह (ABL) और कारगिल डेमाक्रेटिक अलायंस की बातचीत विफल होने के बाद सोनम वांगचोक ने भूख हड़ताल शुरू की थी. उन्होंने अपनी भूख हड़ताल को क्लाईमेट फास्ट (जलवायु के लिए उपवास) नाम दिया है.
रविवार सुबह कारगिल के हुसैनी पार्क में केडीए के सदस्य, पार्षद, धार्मिक नेता, युवा, राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता हुसैनी पार्क पहुंचे और भूख हड़ताल पर बैठ गए. हुसैनी पार्क करीब सौ लोगों ने भूख हड़ताल शुरू की.
आज मेरे साथ 5000 लोग उपवास कर रहे- सोनम वांगचुक
सोनम वांगचुक नियमित तौर पर अपने X हैंडल से वीडियो पोस्ट कर भूख हड़ताल का अपडेट दे रहे हैं. रविवार को उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ''आज मेरे साथ 5000 लोग उपवास कर रहे हैं. सुबह का तापमान माइनस चार डिग्री सेल्सियस है. चूंकि प्रकृति को हमारी संसदों और नीति निर्धारण में कोई गंभीर स्थान नहीं मिलता है, इसलिए मैं यहां एक अजीब विचार साझा कर रहा हूं. प्रकृति को मतदान का अधिकार.'' उन्होंने वीडियो में स्पष्ट किया कि प्रकृति के प्रतिनिधि भी संसद में होने चाहिए.
सोनम वांगचुक ने पोस्ट में लिखा, ''यह (प्रकृति के प्रतिनिधि) अजीब लग सकता है, जैसे लगभग 100 साल पहले तक महिलाओं या अश्वेतों को मतदान का अधिकार देना अकल्पनीय था. सवाल यह है कि कौन सा देश इसकी शुरुआत सबसे पहले कर सकता है! क्या वह भारत हो सकता है?''
DAY 19 OF MY #CLIMATEFAST
— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) March 24, 2024
5000 people fasting with me today. Morning Temperature: - 4 °C
As nature seems to find no serious place in our parliaments & policy making, I'm sharing a cray idea here.
Voting rights to nature.
It may sound weird, just as giving voting rights to… pic.twitter.com/Oa0xi66kzS
महबूबा मुफ्ती ने भी किया समर्थन
बता दें कि लद्दाख के लोगों की मांग के समर्थन में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर प्रतिक्रिया दी है. जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने रविवार को एक्स पर लिखा, ''अब जब बीजेपी और पूंजीपतियों के बीच सांठगांठ उजागर हो गई है तो यह सटीक स्पष्टीकरण देता है कि भारत सरकार लद्दाखियों की वैध मांगों को क्यों नजरअंदाज कर रही है. दुर्बल सोनम वांगचुक के परेशान करने वाले दृश्यों ने भी जरा भी सहानुभूति या चिंता पैदा नहीं की है.''
पीडीपी चीफ ने इंडियन एक्सप्रेस की खबर का लिंक शेयर करते हुए पोस्ट में लिखा, ''अब जम्मू-कश्मीर के लिथियम भंडार को भी लूटा जा रहा है और संदिग्ध कंपनियों को उपहार में दिया जा रहा है, जो बाद में इस अवैध आय का एक हिस्सा सत्तारूढ़ दल को 'पार्टी फंड' के रूप में दान करेंगी.''