ABP Ideas Of India: इस साल की शुरुआत में एबीपी नेटवर्क के पहले आइडियाज ऑफ इंडिया समिट में भारत को प्रगति की राह पर ले जाने वाले विचारों को साझा करने के लिए कुछ बेहतरीन भारतीय बुद्धिजीवियों को एक साथ मंच पर लाया गया. एबीपी नेटवर्क अब दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन के दूसरे संस्करण का आयोजन करने जा रहा है. इसमें एक बार फिर अलग-अलग क्षेत्रों के दिग्गज पिछले 75 वर्षों में भारत की यात्रा के बारे में बात करेंगे और भविष्य के लिए अपने विचार साझा करेंगे.
यह दूसरा सम्मेलन 24 और 25 फरवरी, 2023 को आयोजित किया जाएगा. इस साल मार्च में आयोजित पहले समिट के मुख्य वक्ताओं में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, नए विचारों और आविष्कार के लिए मशहूर सोनम वांगचुक, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, अभिनेता आमिर खान और ऐसी कई प्रभावशाली हस्तियां शामिल थीं.
आइए एबीपी आइडियाज ऑफ इंडिया 2022 के कुछ बेहतरीन सत्रों पर एक नजर डालते हैं.
जिज्ञासा सबसे बढ़िया स्कूल है: सोनम वांगचुक
शिक्षा के क्षेत्र में शानदार काम करने वाले इंजीनियर और इनोवेटर सोनम वांगचुक एबीपी आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के पहले दिन के ख़ास मेहमानों में से एक थे. खचाखच भरे हॉल में उन्होंने अभिनेता, उद्यमी, निर्माता और पायलट गुल पनाग द्वारा संचालित 'sustainable society’ पर एक सत्र के दौरान ""Managing Nature's Backlash: Recycle, Reuse and Renew" पर अपने विचार रखे.
"बड़े शहरों में सरल जीवन जिएं ताकि हम पहाड़ों में सरलता से जी सकें." इस बात के जरिए वांगचुक ने सतत दुनिया (sustainable world) के लिए सरल जीवन के महत्व पर दुनिया के तमाम लोगों को संदेश देने की कोशिश की.
उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि क्यों भारत में स्कूली शिक्षा प्रणालियों के तरीकों पर पुनर्विचार करने की जरुरत है और इस बात पर जोर दिया कि स्कूली शिक्षा सीखना सुनिश्चित नहीं करती है क्योंकि "जिज्ञासा सबसे बढ़िया स्कूल है". इसे उन्होंने "लर्निंग सॉफ्टवेयर" बताया, जिसे हर बच्चे को पाने का अधिकार है.
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कैलाश सत्यार्थी: योजनाएं और कानून हैं, उन्हें लागू करें
नोबेल पुरस्कार विजेता और बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी एबीपी नेटवर्क के पहले आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के उद्घाटन सत्र में अतिथि थे। उन्होंने कहा कि अगले 25 वर्षों में भारत को बदलने का रोडमैप सभी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देकर ही शुरू होगा। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को शिक्षा ही देश को बदलने की शुरुआत बन सकती है।
उन्होंने कहा "बच्चों को स्वस्थ, सुरक्षित और मुक्त वातावरण में स्कूल भेजा जाना चाहिए जहां वे राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली लोगों के बच्चों के समान शिक्षा हासिल कर सकें. और यह सिर्फ़ बच्चों के लिए बनी योजनाओं, कानूनों को लागू करके ही किया जा सकता है."
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जगदीप धनखड़ और शशि थरूर से संवाद
एबीपी नेटवर्क के पहले आइडियाज ऑफ इंडिया समिट के दूसरे दिन के ख़ास मेहमानों में उपराष्ट्रपति और तत्कालीन पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर शामिल थे. वरिष्ठ पत्रकार वीर सांघवी की अध्यक्षता में "Law, Liberty, and the Limits of Democracy: A functioning anarchy or a Non-negotiable Democracy?” विषय पर हुए सत्र में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने स्वतंत्रता और संस्थानों की स्वतंत्रता पर अपनी बात कही.
बातचीत की शुरुआत में शशि थरूर ने भारत के बहुलवाद और विविधता पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि धर्म व्यक्तिगत मामला है और राज्य के कामकाज में इसका कोई स्थान नहीं है। इसके जवाब में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि धर्म को महत्व नहीं दिया जाना चाहिए और अब वक्त आ गया है कि किसी को अपने धर्म के लिए क्षमाप्रार्थी होना बंद कर देना चाहिए।
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इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत 2 साल में पेट्रोल, डीजल वाहनों के बराबर होगी: नितिन गडकरी
एबीपी नेटवर्क के पहले आइडियाज ऑफ इंडिया समिट में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भी ख़ास मेहमान के तौर पर शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने बताया कि ईंधन के मुद्दे पर भारत को स्वतंत्र या आत्मनिर्भर होने की आवश्यकता क्यों है. उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric vehicles) की कीमत अगले दो साल में पेट्रोल से चलने वाले वाहनों के बराबर हो जाएगी.
गडकरी ने कहा, "दो साल के भीतर, शायद एक साल में भी.. इलेक्ट्रिक स्कूटर, कार की कीमत पेट्रोल से चलने वाले स्कूटर, कार, ऑटोरिक्शा के बराबर हो जाएगी. लिथियम आयन बैटरी की कीमतें कम हो रही हैं। पेट्रोल पर अब आप जो खर्च करते हैं..इलेक्ट्रिक वाहन की लागत उसका दसवां हिस्सा होगा.
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जब आमिर खान ने कहा था कि उन्होंने कुछ समय के लिए फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी थी
मिस्टर परफेक्शनिस्ट के नाम से मशहूर अभिनेता आमिर खान ने भी एबीपी के पहले आइडियाज ऑफ इंडिया समिट में बेबाकी से अपनी बातें रखी. "New Beginnings: Reorienting Entertainment" नाम के सत्र में आमिर खान ने कोरोना महामारी के दौरान अपने बच्चों के साथ संबंधों के बारे में भी बात की.
उन्होंने कहा "मिस्टर परफेक्शनिस्ट का लेबल गलत है. लेकिन फिर भी कभी-कभी लेबल आपके साथ चिपक जाता है, चाहे आप वास्तव में हों या न हों। मैं एक परफेक्शनिस्ट नहीं हूं। मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो सिर्फ कड़ी मेहनत कर रहा हूंऔर मुझे अपना काम पसंद है."
उन्होंने आगे कहा "मैं वास्तव में जिस चीज की तलाश कर रहा हूं वह जादू है। एक रचनात्मक व्यक्ति के रूप में मैं हमेशा एक जादुई क्षण की तलाश में रहता हूं, चाहे वह सही हो या न हो। आमतौर पर जादुई क्षण परफेक्ट नहीं होते हैं. इसलिए मैं एक ऐसा व्यक्ति हूं जो इसे पाने में विश्वास करता है. "
इस सत्र का मुख्य आकर्षण वो पल था जब आमिर खान ने खुलासा किया कि उन्होंने कुछ समय के लिए फिल्म उद्योग छोड़ दिया था। इसकी वजह पूछने पर उन्होंने जवाब दिया कि मैंने अपने परिवार को जानकारी दे दी थी कि मैं अब से कोई फिल्म नहीं करूंगा. न तो मैं अभिनय करूंगा और न ही मैं कोई फिल्म प्रोड्यूस करूंगा. अब, मैं सिर्फ आप सभी के साथ अपना समय बिताना चाहता हूं। मेरा परिवार सदमे में था."
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